नई दिल्ली । खनन तथा बिजली क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट से अगस्त महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर 2022 के बाद यह पहला मौका है जब आईआईपी में गिरावट दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एक साल पहले के मुकाबले 0.1 प्रतिशत घट गया। इसकी मुख्य वजह खनन गतिविधियों में 4.3 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 3.7 प्रतिशत की गिरावट है।
हालांकि, औद्योगिक उत्पादन में 77 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा और इसके सूचकांक में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले तीन प्रमुख उत्पाद श्रेणियों में बेसिक मेटल्स (3.0 प्रतिशत), बिजली के उपकरण (17.7 प्रतिशत) और रसायन एवं रासायनिक उत्पाद (2.7 प्रतिशत) शामिल हैं।
उपभोग आधारित उपवर्गों में प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन 2.6 फीसदी और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स का उत्पादन 4.5 प्रतिशत घट गया। वहीं, पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 0.7 प्रतिशत, निर्माण क्षेत्र की वस्तुओं का 1.9 प्रतिशत और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद का 5.2 प्रतिशत बढ़ा है।
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में अप्रैल से अगस्त 2024 तक ओवरऑल औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसदी बढ़ा है। खनन क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत, विनिर्माण में 3.6 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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