नई दिल्ली। भारत का स्टील निर्यात इस साल अक्टूबर में सितंबर के मुकाबले 11 प्रतिशत बढ़ा है, जो दिखाता है कि इस सेक्टर के आउटलुक में सुधार हो रहा है। यह जानकारी स्टील मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए डेटा से मिली।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर में भारत की ओर से 4.4 मिलियन टन स्टील का निर्यात किया गया है, जो कि सितंबर में 4 मिलियन टन था। आयात में गिरावट आई है जिससे घरेलू स्टील कंपनियों को तीसरी तिमाही में अपने उत्पादों के लिए बेहतर कीमत पाने में मदद मिलेगी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में पहली बार इस महीने के दौरान आयात धीमा हो गया क्योंकि सरकार ने वियतनाम जैसे देशों से आने वाले खराब गुणवत्ता वाले स्टील पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके परिणामस्वरूप, स्टील आयात अक्टूबर में 4 प्रतिशत गिरकर 9.8 लाख टन रह गया है, जो कि सितंबर में 11 लाख टन था।
सेल के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, घरेलू स्टील क्षेत्र में कुछ सुधार हुआ है और लॉन्ग प्रोडक्ट्स की कीमत सितंबर की तुलना में लगभग 2 प्रतिशत बढ़कर 53,000 रुपये प्रति टन हो गई है। वहीं, जेएसडब्ल्यू स्टील के सीईओ जयंत आचार्य ने एक इन्वेस्टर्स कॉल में कहा कि सितंबर में भारी गिरावट के बाद कीमतें बढ़ रही हैं, जब आयात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
2024-25 में भारत का स्टील उत्पादन 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 152 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो हाइवे, पोर्ट और रेलवे जैसी बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकारी खर्च से बढऩे, शहरीकरण और निर्माण गतिविधियों में वृद्धि से स्टील उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
भारत में स्टील सेक्टर के तेजी से बढऩे की वजह अर्थव्यवस्था की तेजी गति का होना है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।