Home » नई कपास की आवक होने से बिनौला खल में आई गिरावट

नई कपास की आवक होने से बिनौला खल में आई गिरावट

by Bhupendra Sahu

जयपुर। उत्तर भारत की मंडियों में नए कपास की आवक होने से इन दिनों बिनौला खल में गिरावट का रुख देखा जा रहा है। दिवाली से अब तक करीब दो सप्ताह के अंतराल में बिनौला खल में 200 से 250 रुपए प्रति क्विंटल निकल चुके हैं। जयपुर मंडी में बुधवार को बिनौला खल 3850 से 4150 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेची जा रही थी। पंजाब की बठिंडा मंडी में भी बिनौला खल मंदी में बिकने के समाचार हैं।
देश में कपास का उत्पादन हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ तथा आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में होता है। नया सीजन शुरू होने से एनसीडैक्स पर भी बिनौला खल दिसंबर डिलीवरी में नरमी का रुख बना हुआ है।
जयपुर स्थित प्रमुख फर्म सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने बताया कि नवंबर के दौरान कैटल फीड मार्केट में सामान्य उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। वैद के अनुसार वर्तमान हालात को देखते हुए नए मालों की आवक का दबाव बढऩे तक बिनौला खल की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि आवक दबाव बढऩे पर बिनौला खल में और गिरावट देखने को मिल सकती है। इस बीच स्थानीय कैटलफीड मार्केट में लाल तिल पपड़ी 3600 रुपए तथा लाल तिल डली 5300 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी हुई थी। इसी प्रकार बंगाल तिल्ली के भाव 7500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बोले जा रहे थे।
सरसों एवं सरसों तेल में मंदा जारी:
सरसों एवं सरसों तेल के भावों में दो-तीन दिन से लगातार नरमी का रुख बना हुआ है। तेल मिलों की डिमांड कमजोर होने से सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन बुधवार को 50 रुपए और मंदी होकर 6600 रुपए प्रति क्विंटल पर आ थमी। एगमार्क सरसों तेल भी 10 से 20 रुपए प्रति टिन घटाकर बेचा जा रहा था।
गौरतलब है कि देश के उत्पादन केन्द्रों पर सरसों की बिजाई शुरू हो गई है। नई सरसों की आवक फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले पखवाड़े में शुरू हो जाती है। देश की उत्पादक मंडियों में आज करीब सवा दो लाख बोरी सरसों की आवक होने के समाचार हैं।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More