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छत्तीसगढ़ सरकार और सामूहिक प्रयास संघर्ष का प्रतिफल… लगभग 19 वर्ष बाद पोटाली में बहाल हुई स्वास्थ्य सुविधा, नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र की जीत

by Bhupendra Sahu

रायपुर । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर-जगरगुंडा इलाके के गांव पोटाली में लगभग 19 वर्ष बाद फिर से स्वास्थ्य सुविधा बहाल हो गई है। पोटाली के ग्रामीणों को अब उनके गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा मिलनी शुरू हो गई है। विधायक श्री चैतराम अटामी ने पोटाली गांव में शासन-प्रशासन की विशेष पहल से फिर से तैयार सर्वसुविधायुक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) का शुभारंभ किया। इस दौरान दंतेवाड़ा के कलेक्टर और एसपी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

गौरतलब है कि पोटाली ग्राम पंचायत दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर-जगरगुंडा इलाके में स्थित है। यह धुर नक्सल प्रभावित इलाका रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता के चलते अब यहां शांति और विकास की बयार बहने लगी है, जिसके फलस्वरूप यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी हैं।

बताया जाता है कि वर्ष 2004-05 में एनएमडीसी द्वारा ग्राम पोटाली सब हेल्थ सेंटर का निर्माण कराया गया था। निर्माण के कुछ समय बाद ही नक्सली हिंसा और सलवा जुडूम आंदोलन के कारण यह पूरी तरह से बंद हो गया और स्वास्थ्य केन्द्र का भवन खंडहर में तब्दील हो गया। नक्सलियों ने इस भवन की दीवारों पर धमकी भरे संदेश लिख दिए थे, और इस भवन का उपयोग करने वालों को नुकसान पहुंचाने की चेतावनी देते थे। जिसके चलते यह उप स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह से अनुपयोगी हो गया।

पोटाली गांव के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अरनपुर या समेली गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पैदल जाना पड़ता था। कई बार, केवल बुनियादी दवाओं के लिए भी उन्हें मीलों चलना पड़ता था। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए बेहद कठिन और निराशाजनक थी। ग्रामीणों की मांग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल को देखते हुए शासन-प्रशासन द्वारा फिर से इसका जीर्णोद्धार, रंग-रोगन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। ग्रामीण बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केन्द्र के जीर्णोंद्धार के दौरान अप्रैल 2023 में अरनपुर के पास हुए एक बम धमाके में 10 सुरक्षा कर्मियों की शहादत ने पूरे क्षेत्र में भय व्याप्त हो गया, जिसके चलते ठेकेदारों और श्रमिकों ने अपनी सुरक्षा के डर से काम रोक दिया। शासन-प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को विश्वास में लेकर काम को फिर से शुरू किया गया। लेकिन, अप्रैल 2024 में एक स्थानीय जनप्रतिनिधि जो पोटाली में स्वास्थ्य सुविधा की बहाली के लिए बढ़-चढ़कर काम कर रहे थे, नक्सलियों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

इन सभी बाधाओं के बावजूद, पोटाली स्वास्थ्य केन्द्र को पुनर्जीवित करने का कार्य नहीं रूका। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीणों के अथक प्रयास से यह काम अंततः पूरा हुआ और पोटाली स्वास्थ्य केन्द्र वहां की जनता के लिए लोकार्पित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्ला नार योजना का भी पोटाली में स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली में महत्वपूर्ण रोल रहा है। इस स्वास्थ्य केंद्र में छह-बिस्तरों वाला वार्ड की भी सुविधा है जिसके सफल संचालन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, ग्रामीण स्वास्थ्य समन्वयक और 26 मितानिन की टीम मौजूद है।

पोटाली में स्वास्थ्य केन्द्र शुरू हो जाने से ग्रामीण बेहद प्रसन्न हैं। ग्राम पंचायत की सरपंच ललिता मंडावी ने कहा कि उनके गांव में सर्वसुविधायुक्त उप स्वास्थ्य केन्द्र का शुरू होना अच्छी बात है। अब ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। गांव के युवा दिलीप कुमार ने कहा कि नक्सलियों के चलते गांव का स्वास्थ्य केन्द्र उजड़ गया था। यहां के लोगों को इलाज कराने के लिए अरनपुर और समेली जाना पड़ता था, जो कि 15 से 18 किलोमीटर की दूरी पर है अब लोग गांव में ही इलाज करा लेंगे। गांव में आवागमन के लिए सड़क सहित अन्य सुविधाओं का भी विकास हो रहा है।

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