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भारत के गौरव और गरिमा की समझ ही सच्ची देश भक्ति: भाग्यश्री साठेय

by Bhupendra Sahu

रायपुर । कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में ‘दैनंदिन जीवन में देशभक्ति’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अखिल भारतीय सह संयोजिका महिला समन्वय एवं केंद्रीय कार्यकारणी सदस्य राष्ट्र सेविका समिति सुश्री भाग्यश्री साठये ने कहा कि भारत ज्ञान का प्रतीक है। भारत की ज्ञान परम्परा अत्यंत वैभवशाली है। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। युवा भारत की इस ज्ञान परम्परा को समझें। भारत के गौरव को जानना ही सच्ची देशभक्ति है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे सोशल मीडिया पर भारतीय ज्ञान परम्परा ओर गौरव के विषयों पर जानकारियों को साझा करें।

भारत में चरित्र निर्माण ही व्यक्ति को जेंटलमैन बनाता है। उन्होंने ‘भारत’ शब्द का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि “भा” तेजस्विता का प्रतीक है और “रत” लीनता का। उन्होंने दैनिक जीवन में सकारात्मक लोक कल्याण एवं जन जागरूकता के कार्यों को करने की बात कही। बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम सेमेस्टर की छात्रा लीशा ताम्रकार के प्रश्न पाश्चात्य संस्कृति के भारतीय संस्कृति पर प्रभाव के उत्तर में उन्होंने कहा कि आधुनिकता आवश्यक है, लेकिन हमें अपनी भारतीय संस्कृति पर गर्व करना चाहिए।

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