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मेरिट के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और संस्कारों का अनुसरण जीवन में सफलता के लिए आवश्यक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

by Bhupendra Sahu

मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान की ई-स्कूटी
प्रदेश के 7 हजार 900 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रदान की गई ई-स्कूटी

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीवन में सफलता के लिए योग्यता के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और संस्कारों का अनुसरण आवश्यक है। मेरिट में आए विद्यार्थी यदि अपनी योग्यता का उपयोग केवल स्वयं के लिए करेंगे तो उनकी प्रतिभा का लाभ समाज को नहीं मिल पाएगा। नैतिक मूल्यों का अनुसरण करते हुए सबके हित और सबके सुख का ध्यान रखकर किए गए कार्य न केवल समाज अपितु राष्ट्र की प्रगति में विद्यार्थियों के योगदान का मार्ग प्रशस्त करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे महान देश बनने के मार्ग पर अग्रसर है। ऐसे में मेरिट में आए विद्यार्थी अपनी योग्यता, क्षमता और निपुणता से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर समाज हित और देश की उन्नति में हरसंभव योगदान दें। लक्ष्य प्रगति में ही उनकी श्रेष्ठता सही अर्थों में सिद्ध होगी और भारत को प्रगति पथ पर अग्रसर करने में सार्थक योगदान दे सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मेधावी विद्यार्थियों को ई-स्कूटी वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण, सम्राट विक्रमादित्य, पन्ना-धाय के उद्धरण देते हुए कहा कि अद्भुत क्षमता और सामर्थ्य के साथ नैतिक मूल्यों पर अडिग रहने के उदाहरणों ने ही इन महान विभूतियों के जीवन को आदिकाल से वर्तमान तक अनुकरणीय बनाया है। अंग्रेजी साम्राज्य का जब सूर्य अस्त नहीं होता था तब नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर विश्व में अपनी सामर्थ्य के उदाहरण प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर चुनौती और कठिन समय का धैर्य और साहस के साथ सामना करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को शासकीय और निजी क्षेत्र की नौकरियों का लक्ष्य रखने के साथ ही समाज को नेतृत्व प्रदान करने, आने वाली पीढ़ी को शिक्षा देने जैसे दायित्वों के निर्वहन को भी अपना ध्येय बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान की उद्यमशीलता का उदाहरण देते हुए कहा कि युवा उद्यमिता के माध्यम से नौकरी करने वाले नहीं अपितु रोजगार देने वाले बन सकते हैं। राज्य सरकार उद्योग स्थापना में हरसंभव सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ स्कूटी चलाकर किया उनका उत्साहवर्धन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समारोह में 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबी प्रदान की तथा उनके साथ स्कूटी चलाकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में शासकीय विद्यालयों के टॉपर्स को स्कूटी प्रदान करने की इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में 7 हजार 900 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतीक स्वरूप सर्वश्री आदित्य राठौर, प्रशांत राजपूत, सिद्धार्थ साहू, रफत खान, आर्यन राजपूत, आकाश कुशवाह, सुश्री बबली मीणा, पलक सिंह, ऊषा मीणा और सलोनी दांगी को ई-स्कूटी की चाबी भेंट की तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

परिवारों का अपने बच्चों को स्कूटर से कॉलेज भेजने का सपना हुआ साकार – मंत्री डॉ. शाह

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी उपलब्ध कराने की पहल से कई परिवारों का अपने बच्चों को स्कूटर से कॉलेज भेजने का सपना साकार होगा। यह पहल विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए प्रेरित भी करेगी और आगे की शिक्षा को सुविधाजनक भी बनाएगी।

शासकीय शालाओं में आधुनिक संसाधनों के साथ संचालित हैं अकादमिक गतिविधियां – मंत्री श्री सिंह

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। शासकीय शालाओं में श्रेष्ठतम अधोसंरचना के साथ ही विद्यार्थियों के लिए डिजिटल क्लासेज, स्मार्ट क्लासेज, वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम, मोटिवेशन क्लासेज और कॅरियर गाइडेंस की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों के जीवन को सीधे प्रभावित करने वाले इन कार्यों के साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रतिभावान विद्यार्थियों को ई-स्कूटी उपलब्ध कराई जा रही है। मंत्री श्री सिंह ने विद्यार्थी से अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर दृढ़ निश्चय के साथ अग्रसर होने और समर्पित भाव से इस ओर प्रयास करने का आव्हान किया।

मुख्यमंत्री ई-स्कूटी योजना में मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से शासकीय स्कूलों के प्रतिभाशाली 7,900 विद्यार्थियों को नि:शुल्क ई-स्कूटी प्रदान की गईं। प्रदेश में संचालित शासकीय हायर सेकण्डरी विद्यालयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थी को नि:शुल्क ई-स्कूटी प्रदान करने की योजना स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित है। योजना में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शासकीय विद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को स्कूटी प्रदान की जाती है।

मुख्यमंत्री के हाथों ई-स्कूटी की चाबी पाकर खुश हुए विद्यार्थी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को स्कूल शिक्षा विभाग की मुख्यमंत्री नि:शुल्क स्कूटी योजना के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ई-स्कूटी की चाबी प्रदान की। स्कूटी पाते ही प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों से उनके भविष्य की योजना के बारे में बात भी की। प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की गई है।

कुशाभाऊ सेंटर में भोपाल (कोटरा) के विद्यार्थी हर्षनंद मेहर, (12वीं बोर्ड परीक्षा में 87 प्रतिशत अंक) ने बताया कि राज्य सरकार की इन योजनाओं से विद्यार्थियों को नये अवसर मिलते हैं। हर्षनंद वर्तमान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। वे सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। भोपाल के बरखेड़ा सीएम राइज स्कूल से 12वीं की परीक्षा में सानिया जहाँ को भी सर्वोच्च अंक प्राप्त होने पर स्कूटी मिली है। सानिया ने बताया कि वे आगे चलकर शिक्षक बनना चाहती हैं। शिक्षक श्री प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सीएम राइज स्कूल खुलने से बच्चों को पढ़ने के बेहतर अवसर मिले हैं।

शिवाजी नगर सुभाष उत्कृष्ट स्कूल की छात्रा बबली मीना को भी अपने स्कूल में 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर स्कूटी मिली है। वे बताती हैं कि नि:शुल्क स्कूटी योजना से उनका मनोबल बढ़ा है। अब उन्हें कॉलेज जाने में और सुविधा होगी। उनकी माँ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। नि:शुल्क स्कूटी मिलने की खबर से उनकी माँ भी बहुत प्रसन्न हुई। आदित्य गौर ने अपने विद्यालय में बोर्ड की कक्षा 12वीं की परीक्षा में 97 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं। उन्होंने भोपाल के श्याम्ला हिल्स स्थित रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में प्रवेश लिया है। गणित विषय के छात्र आदित्य गौर भी शिक्षक बनना चाहते हैं।

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