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राज्यपाल ने की रायपुर जिले के विकास कार्यों की समीक्षा

by Bhupendra Sahu

रायपुर । राज्यपाल रमेन डेका ने रेडक्रॉस हॉल, कलेक्ट्रेट में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली। इसमें जिले के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। राज्यपाल ने कलेक्ट्रेट परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।

राज्यपाल श्री डेका ने जिले की प्रमुख मुद्दों जैसे यातायात, पेयजल की स्थिति, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति इत्यादि पर चर्चा की। उन्होंने ने कहा कि जो समस्याएं आती है उनका समाधान के लिए ठोस कदम सुझाएं और उसे क्रियान्वित भी किया जाए। श्री डेका ने कहा कि जनता से संवाद बनाये रखें, नियमित रूप से उनसे मिलें और उनकी समस्याओं को सुनें, ताकि जमीनी हकीकत का सही आकलन हो सके। जन संवाद से न केवल समाधान मिलते हैं, बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत होता है।

राज्यपाल ने यातायात के समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि आमजनों को यातायात के प्रति जागरूक करें और नई पीढ़ी को शिक्षित भी करें। उन्होंने सुझाव दिया कि बाएं मोड़ (लेफ्ट टर्न) को आसान बनाया जाए, रेल्वे फाटकों पर डिवाइडर लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाएं कम हों। राज्यपाल ने कहा कि स्टंट करने वाली तेज रफ्तार टू-व्हीलर गाड़ियों पर सख्ती से कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि भारी वाहनों जैसे डंपर का स्कूल और कार्यालय आने जाने के समय में शहर के भीतर प्रवेश में सख्ती से रोक लगाएं। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हर संभव उपाय किया जाए ताकि इससे होने वाले नुकसानों को कम किया जा सके।

पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि जिले में ट्रैफिक जाम की स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्रमुख चौक-चौराहों पर जाम के कारणों का पता लगाया गया है और उन्हें ठीक करने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए 50 लोगों की एक प्रहरी टीम का गठन किया गया है, जो यातायात को सुचारू करने कार्य करती है। एसपी ने आगे बताया कि कुछ चौक-चौराहों के तकनीकी समस्याओं को सुधारा जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि पेयजल समस्या और जल संरक्षण के प्रयास पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी शासकीय कार्यालयों में जल संरक्षण के उपाय को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। साथ ही आम जनता को भी इसके प्रति जागरूक किया जाए। जल शक्ति अभियान जैसे कार्याें में समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। जिससे ऐसे अभियान जमीनी स्तर पर सफल होते हैं। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि गत् वर्ष जल शक्ति अभियान चलाया गया था, जिसके तहत सूखे तालाबों का पुनर्जनन (रिजनरेशन) किया गया। इससे अगली बरसात में पानी का स्तर बेहतर होने की उम्मीद है। नरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 211 अमृत सरोवर, 1056 सोक पिट, 63 चेक डैम और रिचार्ज पिट बनाए गए हैं। राज्यपाल श्री डेका ने ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में कार्याें की जानकारी ली। बरसात के बाद तालाब का मापन कर जल स्तर की स्थिति की जानकारी देने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने जिले के पेयजल की गुणवत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि रायपुर जिले में पेयजल में मिलनेे वाले खनिज की जानकारी ली। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग अधिकारी ने बताया कि यहां पानी में फ्लोराइड और आयरन की समस्या पाई गई है। राज्यपाल ने आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से विकसित प्रोटोटाइप का जिक्र करते हुए निर्देश दिया कि धरसीवां के एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट की तरह फ्लोराइड और आयरन हटाने के लिए यह प्लांट लगाया जाए। उन्होंने क्रेडाई द्वारा रायपुर के शासकीय भवनों में बनाए गए जल संग्रहण रिचार्ज पिट की तारीफ की और कहा कि ऐसे छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिल सकती है। उन्होंने वाटर रिसाईक्लिंग करने के उपायों पर भी जोर दिया।

राज्यापाल ने शिक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक नियमित रूप से कक्षाएं ले और पीटीएम का परीक्षण करें। साथ ही इससे प्राप्त सुझावों को लागू करें। बच्चों और युवाओं में नशे की समस्या पर राज्यपाल ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के अलावा अस्पताल, एम्स और साइकेट्रिस्ट की मदद से भी युवाओं को नशे की लत से निकालने की कोशिश की जानी चाहिए।

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