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भारत-म्यांमार समेत 3 एशियाई देशों में आया भूकंप, एक घंटे के भीतर कई बार कांपी धरती

by Bhupendra Sahu

नईदिल्ली । 13 अप्रैल को एक घंटे के भीतर 3 एशियाई देश भूकंप से झटके से कांप उठे। भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में एक घंटे के भीतर भूकंप के 4 झटके महसूस किए गए।
अभी तक इन भूकंप में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप से जूझ रहे म्यांमार के शहर मीकटिला में आज फिर 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने यह जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में आज सुबह 9:18 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 3.4 मापी गई।
इसका केंद्र सुंदरनगर के जयदेवी क्षेत्र में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे स्थित था। हालांकि, भले ही भूकंप की तीव्रता कम थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसके झटके महसूस किए और घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।
इससे पहले 23 फरवरी को भी मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
ताजिकिस्तान में भी आज भूकंप के झटके महसूस किए गए।
यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि ये भूकंप आज अंतरराष्ट्रीय समयानुसार 4:24 बजे खुजंद शहर से 180 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में आया।
इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 16 किलोमीटर नीचे और तीव्रता 6.1 थी। इसके करीब आधे घंटे बाद ही 3.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया।
12 अप्रैल को भी तजाकिस्तान में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, म्यांमार में मीकटिला के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। यह 28 मार्च को आए विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सबसे शक्तिशाली झटकों में से एक था।
म्यांमार ने इसका केंद्र जमीन से 20, जबकि यूएसजीएस ने 7 किलोमीटर नीचे बताया।
बता दें कि आज ही म्यांमार में पारंपरिक नववर्ष का 3 दिवसीय उत्सव थिंग्यान शुरू हुआ है। हालांकि, भूकंप की वजह से सार्वजनिक कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिए गए हैं।
12 अप्रैल को पाकिस्तान में आधे घंटे के भीतर भूकंप के 2 झटके महसूस किए गए थे।
पहला झटका दोपहर 12:31 बजे आया था। इसका केंद्र रावलपिंडी से 60 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में जमीन की सतह से 12 किलोमीटर गहराई में था।
वहीं, दूसरा झटका दोपहर एक बजे आया था। इसका केंद्र संजवाल से 12 किलोमीटर दूर जमीन से करीब 10 किलोमीटर गहराई में था।
इसका असर जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों तक महसूस हुआ था।
पृथ्वी की सतह 4 परतों से मिलकर बनी है। इसमें इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट शामिल हैं।
क्रस्ट और ऊपरी मेंटल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। यह 50 किलोमीटर मोटी और कई वर्गों में बंटी हुई परत है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है।
ऐसी लगभग 7 बड़ी और छोटी प्लेटें हैं। यह टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार खिसकती रहती हैं और इसी हलचल से जब अधिक दबाव बनता है तो धरती हिलने लगती है, जिसे भूकंप कहते हैं।
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