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सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य अतीत के स्वर्णिम पृष्ठ का प्रकटीकरण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

by Bhupendra Sahu

भोपाल :  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि देश की राजधानी में लाल किले की प्राचीर पर ऐतिहासिक महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य का मंचन उस युग को जीवंत करने का प्रयास है। यह विश्व में भारत द्वारा सुशासन और लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने की दिशा में कारगर रहेगा। फिल्मों के निर्माण और डिजिटल युग के बावजूद प्राचीन नाट्य परम्परा से परिचित करवाने वाले इस महानाट्य के अंश अविस्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को नई दिल्ली में तीन दिवसीय महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के मंचन के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में महानाट्य के कलाकारों का सम्मान भी किया गया। इसमें अनेक जनप्रतिनिधि, धर्म और आध्यात्म क्षेत्र की हस्तियां और बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे।

विरासत से विकास के मंत्र पर हो रहा है कार्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विरासत के संरक्षण के साथ विकास का मंत्र दिया है। वास्तव में वर्तमान काल अदभुत है। प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं को प्रधान सेवक मानते हैं। आज भारत की गरिमा विश्व में निरंतर बढ़ रही है। एक समय था जब सम्राट विक्रमादित्य ने न्याय, वीरता और सुशासन के महत्व को स्थापित किया। सम्राट विक्रमादित्य के युग को पुन: महानाट्य के माध्यम से जीवंत किया गया है। सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विभिन्न पक्षों को महानाट्य के माध्यम से आमजन सामने लाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है।

नाट्य विधा प्राचीन विधा है, इसका आज भी है महत्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नाट्य विधा एक प्राचीन विधा है। आज के डिजिटल युग में भी इस विधा का महत्व बरकरार है। फिल्मों के निर्माण के साथ अनेक माध्यमों से कला और संस्कृति के दर्शन होते हैं लेकिन महानाट्य से सम्राट विक्रमादित्य के जीवन और शासन काल को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह महानाट्य हमारे इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ और गौरवशाली अतीत से परिचय करवाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य के मंचन के लिए आवश्यक समन्वय एवं सहयोग प्रदान करने के लिये दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के प्रति आभार व्यक्त किया।

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