Home » छत्तीसगढ़ में अगला सरकारी मेडिकल कॉलेज जांजगीर-चाम्पा जिले में खुलेगा: भूपेश बघेल

रायपुर : मुख्यमंत्री ने जांजगीर-चाम्पा जिले को दी 1083 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

सम्मेलन में 1051 हितग्राहियों को 1.12 करोड़ की सामग्री एवं चेक वितरित
चन्द्रपुर इलाके की तीन नहरों के संधारण कार्यों को मुख्यमंत्री की स्वीकृति
राजीव गांधी किसान न्याय योजना जारी रहेगी
किसानों की तरक्की से ही छत्तीसगढ़ बनेगा समृद्ध राज्य: भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में अगला सरकारी मेडिकल कॉलेज जांजगीर-चाम्पा जिले में खोला जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जिला मुख्यालय जांजगीर के हाई स्कूल मैदान में आयोजित विशाल किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस आशय की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने जिले की जनता को 1083 करोड़ रुपये के 1255 विकास कार्यों की सौगातें दी हैं। इनमें 262 करोड़ रुपये के 419 विकास कार्यों का लोकार्पण और 821 करोड़ रुपये के 836 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत 1051 हितग्राहियों को 1 करोड़ 12 लाख रुपये की सामग्री एवं चेक वितरित किये। बघेल ने सम्मेलन में हसदेव नहर परियोजना के चन्द्रपुर क्षेत्र की तीन नहरों के संधारण कार्यों की स्वीकृति की घोषणा भी की। किसान सम्मेलन की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने की। विशेष अतिथि के रूप में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री प्रेमसिंह टेकाम, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत विधायक  रामकुमार यादव, श्रीमती इंदु बंजारे और केशव प्रशाद चंद्रा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महती सभा में किसानों के प्रति किये गये अपनी सरकार के वायदों को फिर से दोहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के धान का उचित दाम दिलाने के लिए वचनबद्व है। इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान के साथ मक्का और गन्ना की खेती को प्रोत्साहन के लिए किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से आदान सहायता राशि दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत दी जा रही राशि किसानों को धान उत्पादन के लिए बोनस नहीं बल्कि उनकी मेहनत के प्रति सम्मान स्वरूप दे रही है। प्रति एकड़ 10 हजार रूपये के हिसाब से यह राशि आगे भी निरंतर जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों में खेती के प्रति उत्साह बढ़ा है। इतनी बड़ी राशि मिलने से उनमें समृद्धि भी आई है। इसका असर बाजार पर भी देखने को मिला है। यहां तक कि किसानों और ग्रामीणों की बदौलत ही हमने आर्थिक मंदी का भी सफलता के साथ मुकाबला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा दिनों-दिन हम ज्यादा से ज्यादा किसानों को समर्थन मूल्य खरीदी के दायरे में ला रहे हैं। आज से दो साल पहले हमने 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी किये थे। इस साल अब तक लगभग 54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों और मजदूरों की बहुतायत वाला प्रदेश है। उनकी मजबूती में ही राज्य का विकास निहित है। बघेल ने कहा कि कोरोना काल की कठिन चुनौती के बावजूद भी हमने विकास कार्य की गति धीमी होने नहीं दी। एक तरफ जहां सांसद निधि और वेतन कटौती जैसी अन्य उपाय कई सरकारों ने किये, लेकिन हमनें इन सभी से छत्तीसगढ़ को अछूता रखा। विधायक निधि के 2 करोड़ सहित तमाम विकास के कार्य पूर्व की तरह चल रहे हैं। हजारों करोड़ रूपये के विकास कार्यों को गति देने के लिए ही हमने जिलों का सघन दौरा करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खेती किसानी और तीज तिहार के उचित मौके पर ही हमने किसानों को राशि उपलब्ध कराई है। तीन किश्त अब तक दिये जा चुके हैं। चौथी किश्त चालू वित्तीय वर्ष में वितरित करा दी जाएगी। बघेल ने कहा कि एफसीआई द्वारा चावल उपार्जन की अनुमति इस साल विलंब से मिली है। आम तौर पर धान खरीदी की शुरूआत में ही अनुमति मिल जाया करती हैैैै।

मुख्यमंत्री ने जांजगीर जिले के किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन इसी जिले से होता है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता, बिसाहूदास महंत जैसे हमारे महान पुरखों की दूर-दर्शिता के वजह से जांजगीर आज राज्य के सर्वाधिक सिंचित जिले में शुमार है। हसदेव नहर परियोजना का जांजगीर जिले में विस्तार का श्रेय इन्ही राजनेताओं को जाता है। इसका लाभ उठाकर जिले के किसान समृद्ध और खुशहाल हो रहे हैं। बघेल ने कहा कि धान बेचकर फटफटी खरीदने की बात अब पुरानी हो गई। गोबर बेचकर फटफटी खरीदने का नया चलन अब शुरू हो गया है। गोधन न्याय योजना की सफलता का यह कमाल है। बघेल ने कहा कि राज्य के सभी 11 हजार ग्राम पंचायतों में गौठान बनाये जाएंगे। अब तक 7400 स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से 4100 में गोबर खरीदी का काम हो रहा है। ये गौठान केवल गाय एवं बैलों के आरामगाह नहीं बल्कि स्थानीय ग्रामीणों के लिए संपूर्ण आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित किये जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री का अपने गृह जिले में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों, मजदूरों सहित नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का मौके पर हाल-चाल जानने के लिए सभी जिलों का सघन दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे अफसरों से आत्मीय वातावरण में बात करते हैं। यह अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों के प्रयासों से जांजगीर जिले में सर्वाधिक सिंचाई और नहरों का जाल फैला हुआ है। पिछले साल के 7.86 लाख मीटरिक टन से इस साल ज्यादा धान के आवक का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि जांजगीर जिले से अनेक युवा अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देशों मे रहते हैं। उन लोगों तक छत्तीसगढ़ के नरवा, गरवा और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के पुर्नजागरण की गुंज सुनाई देती है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं जांजगीर जिले प्रभारी मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने पिछले दो साल में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल किये हैं। कई योजनाओं के क्रियान्वयन में तो सरकार को प्रथम स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण अब घटने लगा है। उन्होंने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों की मांग पर मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग पर सहमति जताई और अनुशंसा सहित प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति केन्द्र सरकार द्वारा दी जाती है। विधायक रामकुमार यादव, केशव प्रसाद चन्द्रा और श्रीमती इंदु बंजारे ने भी समारोह को सम्बोधित किया। जिला कलेक्टर यशवन्त कुमार ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विगत दो सालों मे राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के अंतर्गत हुए महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यसभा के पूर्व सांसद रामाधार कश्यप, पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन, चुन्नीलाल साहू, चैनसिंह सामले, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चन्द्राकर सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण किसान उपस्थित थे।

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