Home » भारत-चीन गतिरोध: संसदीय समिति में जयंशकर और राहुल गांधी के बीच हुई तीखी बहस

भारत-चीन गतिरोध: संसदीय समिति में जयंशकर और राहुल गांधी के बीच हुई तीखी बहस

by admin

नई दिल्ली| संसदीय परामर्श समिति में शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। दोनों के बीच यह बहस चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध पर बुलाई गई नियमित बैठक के दौरान हुई। बैठक में राहुल ने मोदी सरकार की विदेश नीति को कटघरे में खड़ा किया।
इस बैठक में विदेश मंत्री ने एक घंटे का प्रजेंटेशन दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार थकाऊ लिस्ट देने की बजाय चीनी खतरों को लेकर ठोस रणनीति बताए। उनकी बातों का इस बैठक में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी समर्थन किया। शशि थरूर यूपीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री रह चुके हैं।
जयशंकर ने जवाब में कहा कि बहुध्रुवीय दुनिया में कोई सीधा और सरल दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा सकता। इसके बाद राहुल गांधी ने एस जयशंकर से पूछा कि आपके दिमाग में कोई स्पष्ट रणनीति है जिसका सारांश तीन वाक्य में बता सकें? राहुल ने विदेश मंत्री से पूछा, ‘चीन ओल्ड सिल्क रोड को एक लैंड रूट में यूरोप और सीपीईसी के जरिए खाड़ी देशों से जोड़ रहा है। चीन हमें बाइपास कर अप्रासंगिक बना रहा है। भारत इससे मुकाबला करने के लिए क्या कर रहा है?’
राहुल गांधी ने कहा कि चीन दुनिया को दो-ध्रुवीय बना रहा है। लेकिन जयशंकर ने कहा कि रूस और जापान के उभार की उपेक्षा नहीं की जा सकती। जयशंकर ने कहा कि भारत बहु-ध्रुवीय दुनिया के लिए जो कुछ भी कर सकता है, करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बहु-ध्रुवीय महाद्वीप को लेकर भी सोचना होगा।
एस जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी से बहस अंतहीन हो सकती है क्योंकि दोनों के पास अपने-अपने तर्क हैं। कांग्रेस सासंदों ने यूपीए सरकार के समय की विदेश नीति का बचाव भी किया। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले छह सालों में पड़ोसियों से भारत के संपर्क और संबंध मजबूत हुए हैं। विदेश मंत्री ने राहुल गांधी से कहा कि मोदी सरकार में खाड़ी के देशों से संबंध काफी मजबूत हुए हैं, जबकि यूपीए सरकार के दौरान ऐसा नहीं था।

Share with your Friends

Related Articles

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More