रायपुर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय (आरओबी), रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज, 19 जनवरी 2021 (मंगलवार) को दोपहर 12.00 बजे से 01.00 बजे तक ‘कोविड-19 टीकाकरण: समयोचित जन-जागरूकता अभियान की आवश्यकता’ पर वेबिनार का आयोजन किया गया । इस वेबिनार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड अधिकारियों एवं मीडिया कर्मियों के अलावा नेहरू युवा केन्द्र तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक, लोक कलाकार और छात्र-छात्राएं इस वेबिनार में शामिल हुए।
वेबिनार को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ यूनिसेफ कार्यालय, रायपुर के प्रमुख, जॉब ज़ाकरिया ने कहा कि भारत में किया जा रहा टीकाकरण दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। इस टीकाकाकरण अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ, केन्द्र और राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 बीमारी के प्रसार और इस बीमारी से होने वाली मृत्यु को रोकना है। टीकाकरण एक मात्र समाधान नहीं है, लेकिन समाधान की ओर एक कदम अवश्य है। श्री ज़ाकरिया ने प्रभावी संचार के लिए 06 बिंदुओं का उल्लेख किया जिनके माध्यम से टीकाकरण के बारे में आम जनता को सही जानकारी मिल सके और उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा सके।
श्री ज़ाकरियाह ने कहा कि मीडिया के सहयोग के बिना टीकाकरण अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि टीकाकरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें और अनिच्छुक व्यक्तियों को भी टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। साथ ही श्री ज़ाकरिया ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार स्टोरी छापने से पहले संबंधित संस्थानों से उस खबर की विश्वसनीयता की जांच-परख अवश्य कर लें ताकि गलत जानकारी लोगों तक प्रसारित न हों।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टीकाकरण अभियान की राज्य मीडिया समन्वयक, श्रीमती हर्षा पौराणिक ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। कोविड-19 के प्रति अब तक मीडिया का सकारात्मक सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध कराई गई वैक्सीन, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई है, जिसे भारत के रेगुलेटरी संस्थाओं द्वारा जांच-परख करने के बाद ही अनुमति दी गई है। इसलिए वैक्सीन पर संशय नहीं किया जाना चाहिए।
श्रीमती हर्षा पौराणिक ने मीडिया से अपील की कि टीकाकरण से संबंधित सूचनाओं को संबंधित विभागों से वेरीफाई करने के बाद ही आम जनता से साझा करें। सही सूचनाओं को ही साझा करें और अफवाहों को बिलकुल भी आगे न बढाएं, विशेषकर सोशल मीडिया में वायरल खबरों को। एक गलत खबर, सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है, इसलिए प्रमाणिक खबरों को ही प्रकाशित और प्रसारित करें। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण आबादी में प्रचार—प्रसार के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई गई है।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ यूनीसेफ, रायपुर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. श्रीधर प्रहलाद ने बताया कि अब तक 03 लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने टीकाकरण की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यदि हम एक लाख लोगों का टीकाकरण कर देते हैं, तो इसमें से केवल एक व्यक्ति को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी और मृत्युदर शून्य होगी। अगर टीकाकरण नहीं होता है तो मृत्युदर को रोक पाना काफी मुश्किल है।
डॉ. श्रीधर प्रहलाद ने बताया कि ने भारत में अभी कोविड-19 के 09 वैक्सीन पर काम चल रहा है, जिसमें से अभी केवल दो को ही इमरजेंसी वैक्सीनेशन की मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 का टीका रातों-रात नहीं बना है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिकों की 30-35 सालों की मेहनत छिपी है। इसीलिए हम कोविड-19 के लिए बहुत जल्द ही टीका विकसित कर पाए हैं।
इसके पूर्व वेबिनार के प्रारम्भ में पत्र सूचना कार्यालय और रीजनल आऊरीच ब्यूरो, रायपुर के अपर महानिदेशक अभिषेक दयाल ने सभी अतिथिवक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस वेबिनार के आयोजन का उद्देश्य कोविड-19 टीकाकरण आम जनता को जागरूक करना है ताकि लोगों में सही जानकारी पहुंच सके और अफवाहों पर विराम लग सके। श्री दयाल ने कहा कि हम सब मीडिया के लोगों का दायित्व है कि खबरों की तह में जाकर और उसके विश्लेषण के बाद ही उसे प्रचारित-प्रसारित करें।
वेबिनार दौरान प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का समाधान विशेषज्ञों द्वारा दिया गया । कार्यक्रम के अंत में पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के सहायक निदेशक, सुनील कुमार तिवारी ने वेबिनार में शामिल सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। वेबिनार का संचालन रीजनल आऊरीच ब्यूरो (आरओबी), रायपुर के कार्यालय प्रमुख शैलैष फाये ने किया।