Home » चीन के चंगुल में फंस नेपाल ने रिश्ते बिगाड़े, मगर भारत ने संकट में 10 लाख वैक्सीन देकर दिखाया बड़ा दिल

चीन के चंगुल में फंस नेपाल ने रिश्ते बिगाड़े, मगर भारत ने संकट में 10 लाख वैक्सीन देकर दिखाया बड़ा दिल

by admin

नई दिल्ली | चीन के मीठे-मीठे बोल में फंसकर जिस नेपाल ने अपने सबसे अच्छे पड़ोसी से रिश्ते बिगाड़े थे, संकट की घड़ी में आज उसी ने उसका साथ दिया है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में नेपाल की मदद के लिए उसका मतलबी दोस्त चीन काम नहीं आया, बल्कि भारत ने ही कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई कर अच्छा पड़ोसी होने का धर्म निभाया है। भारत सरकार ने आज सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दस लाख डोज को नेपाल रवाना कर दिया है। बता दें कि भारत सरकार ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत 20 जनवरी से ही कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी है।

कोविशील्ड वैक्सीन की 10 लाख डोज वाली पहली खेप भारत ने महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए रवाना कर दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत निर्मित टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इन अनुरोधों के जवाब में आपूर्ति सुनिश्चित करने का फैसला किया गया है। हाालंकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा।

नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा था
नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मामलों के मंत्री ने बुधवार को काठमांडू में कहा था कि भारत अनुदान सहायता के तौर पर पड़ोसी देश को कोविड-19 टीके की 10 लाख खुराक उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अनुदान सहायता के तहत नेपाल को कोविड-19 टीके की 10 लाख खुराक उपलब्ध कराई है। नेपाल ने पिछले हफ्ते सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके के इस्तेमाल को लेकर सशर्त इजाजत दे दी थी। नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 2,68, 310 है जबकि यहां 1975 लोग महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं।

बांग्लादेश के लिए भी वैक्सीन की 20 लाख डोज रवाना
भारत ने अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश को भी तोहफे के रूप में कोरोना रोधी कोविशील्ड टीके की 20 लाख खुराकें डिलीवर की है। महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्रट से एक विशेष विमान से ये टीके ढाका के लिए रवाना हुए। नेपाल और बांग्लादेश के लिए आज सुबह में वैक्सीन की खेप मुंबई से रवाना हुए, जो किसी भी वक्त अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच जाएगा।

पड़ोसियों की पहले भी मदद कर चुका है भारत
भारत ने पहले महामारी के दौरान बड़ी संख्या में देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की थी। अलग-अलग भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत सहयोगी देशों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रशासकों के लिए कई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो महामारी से निपटने में हमारे अनुभव को साझा करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि सतत प्रयास के तहत भारत दुनियाभर के देशों को टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा, जिसमें विकासशील देशों के लिए गावी के तहत कोवाक्स सुविधा शामिल है।

Share with your Friends

Related Articles

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More