कोरबा| पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक 79 प्रतिशत से अधिक किसानों ने धान बेच लिया है। अब तक जिले के 25 हजार 831 किसानों से एक लाख आठ हजार 722 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान बेचने के लिए कुल पंजीकृत 32 हजार 590 किसानों में से 79 प्रतिशत किसान अपना धान बेच चुके हैं। जिले में धान बेचने वाले किसानों को औसतन दो से तीन दिनों में बेचे गए धान की राशि ऑनलाइन के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई जा रही है। अब तक किसानों को बेचे गए धान के एवज में 203 करोड़ 77 लाख रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले के लिए धान खरीदी के लिए शासन द्वारा एक लाख 20 हजार 400 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक लाख आठ हजार 722 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है तथा लक्ष्य आपूर्ति के लिए 11 हजार 678 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जाना बाकी है। खरीदे गये धान में मोटा धान 97 हजार 115 मीट्रिक टन, पतला धान एक हजार 961 मीट्रिक टन तथा सरना धान नौ हजार 645 मीट्रिक टन शामिल है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 32 हजार 590 किसानों का पंजीयन किया गया है जो कि पिछले वर्ष के पंजीकृत 27 हजार 689 किसानों की तुलना में चार हजार 899 अधिक है। जिले में 49 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। तहसील कोरबा अंतर्गत उपार्जन केन्द्र तिलकेजा में पंजीकृत किसानों में से 93 प्रतिशत किसान अपने धान बेच चुके हैं। तहसील करतला के धान खरीदी केन्द्र नवापारा और पाली के उतरदा में सबसे अधिक 993 किसानों ने अपना धान बेचा हैं। उपार्जन केन्द्र नवापारा में सबसे अधिक 58 हजार 674 क्विंटल धान की खरीदी हुई है।