Home » लोगों को बैंकिंग प्रणाली के प्रति जागरूक करना आवश्यक: मंत्री डॉ. टेकाम

रायपुर :  वित्तीय साक्षरता सप्ताह का शुभारंभ

स्कूल शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम आज राजधानी रायपुर में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित वित्तीय साक्षरता सप्ताह का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न बैंक संस्थाओं के प्रमुखों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि को मजबूत बनाने के लिए कृषि के क्षेत्र में वित्त का प्रवाह को और बढ़ाना होगा। कृषि क्षेत्र में वित्तीय निवेशन को बढ़ाने के लिए किसानों को बैंकिंग प्रणाली के प्रति जागरूक करना होगा। डॉ.टेकाम ने कहा कि वित्तीय साक्षरता सप्ताह (8 से 12 फरवरी) के दौरान लोगों को ऋण लेने, उसका समय पर भुगतान करने, ऋण कहां से लिया जाए, डिजिटल बैंकिंग प्रणाली की जानकारी के साथ ही सावधानी की जानकारी भी दी जाए। उन्होंने इस अवसर पर वित्तीय साक्षरता सप्ताह के दौरान जागरूकता के लिए प्रचार सामग्री, पोस्टर और ऑडियांे-वीडियों का विमोचन भी किया।
डॉ. टेकाम ने कहा कि वित्तीय साक्षरता का अर्थ है- धन के सही ढ़ंग से उपयोग को समझने की क्षमता। ’वित्तीय शिक्षा’ का अर्थ होता है ’धन’ के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना, जिससे हम अपने धन का सही प्रबंधन करते हुए, अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित और बेहतर बना सके। वित्तीय शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने का अर्थ है लोगांे की वित्तीय समस्याओं के समाधान के लिए मदद करना। उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि हमें समस्या का नही, बल्कि समाधान का हिस्सा बनना है, तो इसकी जिम्मेदारी निभानी होगी, जब हमारे समाज का एक-एक परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी हमारा देश भी आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में बहुत से निर्णय लिए गए हैं। सरकार की मंशा है कि किसान भी अपनी आमदनी, खर्चे आदि का सोच समझकर इस्तमाल करें। किसानों को फसल के उत्पादन की प्लानिंग, आवश्यकता होने पर लोन लेना, ब्याज का आंकलन एवं भुगतान, उनकी फसल की मार्केटिंग आदि से बहुत सारे कामों को करते समय सुनिश्चित नियोजन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रीति-रिवाज, परम्पराएं, तीज त्यौहार भी धन से जुड़े हुए हैं। बहुत से त्यौहार फसल काटने के बाद मनाए जाते हैं। नयी फसल आने के बाद, उसके बेचने से मिलने वाला लाभ और उससे घर की खुशहाली सब कुछ आपस में मिला-जुला है। डॉ. टेकाम ने कहा कि अपनी कमाई से कुछ पैसे हमें सही जगह बचाकर रखना चाहिए। बचत की आदत बचपन से आ जानी चाहिए। गैर-आवश्यक खर्चो को रोकना, पैसा बचाना और सही जगह निवेश करना सबको आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आमदनी और खर्चो का हिसाब रखने के लिए एक वित्तीय डायरी बनाकर रखनी चाहिए।
कार्यक्रम को सचिव कृषि अमृत खलखो, संयुक्त सचिव वित्त श्रीमती शारदा वर्मा, भारतीय रिजर्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती ए.शिवगामी, नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर एम.सोरेन ने भी सम्बोधित किया।

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