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भारतीय वाहन उद्योग के समक्ष कई तात्कालिक… मध्यम अवधि की चुनौतियां : आयुकावा

by Bhupendra Sahu

नईदिल्ली । भारतीय वाहन उद्योग गहरी संरचनात्मक सुस्ती से गुजर रहा है और कोविड-19 महामारी ने इस उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है और इसे कई साल पीछे धकेल दिया है। सोयायटी ऑफ इंडियन ऑटोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने बुधवार को यह बात कही। सियाम के 61वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आयुकावा ने कहा कि पिछले 5 से 10 साल में सभी वाहन खंडों…..यात्री वाहनों से लेकर दोपहिया तक वृद्धि दर में जबर्दस्त गिरावट आई।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आयुकावा ने ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि कोविड महामारी शुरू होने से पहले ही भारतीय वाहन उद्योग संरचनात्मक सुस्ती से जूझ रहा था। आयुकावा ने कहा कि उद्योग के चारों खंडों….यात्री वाहन, दोपहिया, वाणिज्यिक वाहन और तिपहिया..में पिछले 5 से 10 साल के दौरान दीर्घावधि की वृद्धि दर में भारी गिरावट आई है। यह गिरावट महामारी से पहले शुरू हो गई थी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उद्योग और अधिक प्रभावित हुआ है। इससे उद्योग संख्या के लिहाज से कई साल पीछे चला गया है। आयुकावा ने कहा कि उद्योग इस समय कई तात्कालिक और मध्यम अवधि की चुनौतियों से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि तात्कालिक चुनौतियों में…..महामारी से जुड़ी अनिश्चितताएं और हमारे लोगों का स्वास्थ्य, वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी, जिसों के बढ़ते दाम, आगामी ईंधन दक्षता तथा भारत चरण छह के तहत चरण-दो के नियमन, कंटेनरों की कमी और आयात अंकुश शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उद्योग के समक्ष कई मध्यम अवधि की चुनौतियां मसलन मांग को कायम रखना, उपभोक्ताओं के लिए लागत को कम रखना, स्थानीयकरण, दीर्घावधि के नियमनों के लिए तैयारी और नई पावरट्रेन प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

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