Home » छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण में अव्वल : चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में 80 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य के 2.78 लाख क्विंटल लघु वनोपजों का हुआ संग्रहण… देश में इस दौरान 93 करोड़ रूपए मूल्य के कुल संग्रहित लघु वनोपजों में से 88.36 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में

छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण में अव्वल : चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में 80 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य के 2.78 लाख क्विंटल लघु वनोपजों का हुआ संग्रहण… देश में इस दौरान 93 करोड़ रूपए मूल्य के कुल संग्रहित लघु वनोपजों में से 88.36 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में

by Bhupendra Sahu

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों का संग्रहण सतत् रूप से जारी है। ‘द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड)’ द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्य में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्रथम तिमाही माह अप्रैल से जून तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 80 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि के 2 लाख 77 हजार 958 क्विंटल लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। जो देश में इस दौरान 93 करोड़ रूपए मूल्य के कुल संग्रहित लघु वनोपजों में से 88.36 प्रतिशत लघु वनोजपों का संग्रहण छत्तीसगढ़ में हुआ है। राज्य में विगत अप्रैल से जुलाई माह तक लगभग 3 माह की अवधि में 80 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि के 2 लाख 77 हजार 958 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। इनमें 40 करोड़ 90 लाख रूपए की राशि के 01 लाख 13 हजार 614 क्विंटल इमली (बीज सहित) तथा 27 करोड़ 59 लाख रूपए की राशि के 01 लाख 37 हजार 946 क्विंटल साल बीज का संग्रहण किया गया है। इसी तरह 4 करोड़ 15 लाख रूपए की राशि के 6 हजार 595 क्विंटल फूल इमली, 2 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि के 2 हजार 390 क्विंटल चिंरौजी गुठली तथा 01 करोड़ 78 लाख रूपए की राशि के 10 हजार 493 क्विंटल बहेड़ा का संग्रहण शामिल है।

इस दौरान माहुल पत्ता, नागरमोथा, भेलवा, बहेड़ा कचरिया, धवई फूल (सूखा), हर्रा कचरिया, पुवाड़ (चरोटा), बेल गुदा, सतावर (सूखा), कुसुम बीज, फुल झाडू, रंगीनी लाख, वन तुलसी, फूल इमली, जामुन बीज (सूखा), वन जीरा, इमली बीज, आंवला बीज रहित, कुसुमी लाख कुल्लू गोंद, महुआ बीज, करंज बीज तथा बायबडिंग का संग्रहण हुआ है। इसके अलावा पाताल कुम्हड़ा (बेदारी कंद), तिखुर, सवई घास, कोरिया छाल, छिन्द घास, आंवला (कच्चा), कांटा झाडू, कुटज छाल, अडुसा पत्ता, इन्द्रजौ बीज, सफेद मुसली, पलाश फुल आदि का भी संग्रहण किया गया है।

राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 52 लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इन 52 लघु वनोपजों में साल बीज, हर्रा, ईमली बीज सहित, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, काल मेघ, बहेड़ा, नागरमोथा, कुल्लू गोंद, पुवाड़, बेल गुदा, शहद तथा फूल झाडू, महुआ फूल (सूखा) शामिल हैं। इसके अलावा जामुन बीज (सूखा), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), करंज बीज, बायबडिंग और आंवला (बीज सहित) तथा फूल ईमली (बीज रहित), गिलोय तथा भेलवा, वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, इमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज शामिल हैं। इसी तरह कुसुमी बीज, रीठा फल (सूखा), शिकाकाई फल्ली (सूखा), सतावर जड (सूखा), काजू गुठली, मालकांगनी बीज तथा माहुल पत्ता शामिल है।

इसी तरह पलास (फूल), सफेद मूसली (सूखा), इंद्रजौ, पताल कुम्हड़ा, तथा कुटज (छाल), अश्वगंधा, आंवला कच्चा, सवई घास, कांटा झाडू, तिखुर, बीहन लाख-कुसमी, बीहन लाख-रंगीनी, बेल (कच्चा), तथा जामुन (कच्चा) शामिल है। राज्य सरकार द्वारा कुसुमी लाख, रंगीनी लाख और कुल्लू गोंद की खरीदी में समर्थन मूल्य के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More