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गौठान में महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट खाद के अलावा वर्मी वॉश का कर रही उत्पादन… अब तक समूह को उत्पादन सामग्री से हुई 2 लाख की आय

by Bhupendra Sahu

महासमुन्द / जिले के बसना विकासखण्ड के मॉडल गौठान नवागांव में स्व-सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट खाद के अलावा वर्मी वॉश भी बना रही है। जिससे वर्मी कम्पोस्ट खाद निकालने की शुरुआत महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों द्वारा किया गया। समूह की सचिव श्रीमती पद्मा यादव ने बताया कि हाल ही में उन्होंने 30 पैकेट खाद किसानों और समितियों को बेचा है। एक पैकेट में लगभग 30 किलो वर्मी कम्पोस्ट खाद होता है। अभी और खाद बन रहा है जो टांका में रखा हुआ है। भगवती स्व-सहायता समूह की सचिव श्रीमती पद्मा यादव ने बताया कि गौठान में लगायी गयी बाड़ी और वर्मी कम्पोस्ट से अब तक समूह को 2 लाख की राशि प्राप्त हुई है। राशि को गौठान समिति के खातें में ही जमा किया जाता है। यहां तीन समूह की महिलाएं काम करती है। उन्होंने कहा कि वर्मी वॉश का उपयोग बाड़ी के काम में लिया जाता है। यह फसलों के लिए काफी लाभदायक हैं। वर्तमान में वे अपनी खेती किसानी का काम कर रही है। श्रीमती पद्मा ने बताया कि पहले समूह ने एक लाख रुपए का ऋण लिया था जिसे समय पर चुकता कर दिया है। इसके बाद अन्य कार्य के लिए डेढ़ लाख का लोन लिया है जिसकी 8-9 किस्तें जमा कर दी गयी है। शेष राशि भी समय पर जमा की जाएगी। किस्त की राशि लगभग प्रति माह 11 हजार रूपए है। एक समूह में 10-12 महिलाएं काम करती है।

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत वे गौठान में केंचुआ खाद, साग-सब्जी, गो-काष्ट तथा अन्य प्रकार के उत्पादकों का निर्माण कर रहीं है। उनके द्वारा गोठान में किए गए कार्यो से आय प्राप्त कर वें 11 बकरियों का पालन भी कर रहीं हैं। जिससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में उनके पास काम नहीं होने के कारण वे रोजी-मजदूरी का कार्य किया करते थे। जिससे उन्हें काम के लिए कभी-कभी भटकना पड़ता था। गोठान में स्थायी रूप से कार्य मिलने और आय प्राप्त होने वे काफी खुश है। यह गौठान 13 एकड़ क्षेत्र पर स्थित हैं, जिसमें 03 एकड़ पशुओं के लिए बनाया गया है तथा 10 एकड़ चारागाह जमीन हैं। यहां 11 पक्की वर्मी बेड बनाया गया है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान मंे उनके द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के अलावा सब्जी उत्पादन और घर के पुरानी साड़ियों से पैरदान एवं अन्य अनुपयोगी सामग्रियों से झालर एवं सजावटी सामग्रियां बनाई जाती है। उनके द्वारा बनाए गए सामग्रियों की बिक्री के लिए मार्केट उपलब्ध कराया गया है।

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