रायपुर। दुर्गोत्सव के लिए जिला प्रशासन ने शहर में नई गाइडलाइन लागू कर दी है। कोविड संक्रमण के खतरे के बीच भीड़भाड़ कम रहे, इसके लिए पंडालों और मंदिर प्रांगणों में ज्योति कलश दर्शन वर्जित रखने निर्देश जारी किए हैं। समितियां निर्धारित स्थल में आठ फीट ऊंची देवी प्रतिमा की स्थापना कर सकेंगी, जबकि उन्हें पंडाल भी 225 फीट के दायरे में ही समेटना होगा। कलेक्टर सौरभ कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी किया। नई व्यवस्था में पहले की तरह ऐसे इलाके, जो कंटेनमेंट जोन में शामिल होंगे, वहां कहीं भी धार्मिक आयोजन नहीं हो सकेंगे।
जिला प्रशासन ने दुर्गोत्सव के लिए 24 बिंदुओं पर व्यवस्था लागू की है। बता दें कि इस बार भी पिछले साल की तरह स्थापना व विसर्जन कार्यक्रम के बाद कहीं भी भोज-भंडारा नहीं किया जाएगा। इसके लिए कहीं भी अनुमति नहीं दी जाएगी। जारी निर्देश में यह भी सुनिश्चित कर दिया गया है कि प्रतिमा लाने व विसर्जन के लिए ले जाते वक्त सिर्फ दस-दस लोग ही वाहन पर सवार हो सकेंगे। डीजे-धुमाल के लिए भी अलग से नियम लागू रहेगा। प्रशासन ने मंदिर प्रांगणों में ज्योति कलश के लिए प्रबंधन की विशेष जिम्मेदारी तय की है।