- छत्तीसगढ़ी संस्कृति के साथ साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भी हो व्यापक प्रचार प्रसार
- लोक कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने में आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान
- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के अवसर पर आयोजित परिचर्चा में छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ाने पर किया गया विचार
रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ाने तथा छत्तीसगढ़ की खानपान एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आज साइंस कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव स्थल पर आयोजित परिचर्चा में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने प्रदेश में गौठानो का निर्माण कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि यह योजना जमीन से जुड़ी हुई है और इसके माध्यम से महिला स्व सहायता समूह गौठान से जुड़कर अनेक व्यवसायों को आगे बढ़ा कर आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच के अनुरूप समय में गौठान के माध्यम से अनेक व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा तथा पर्यटकों के लिए होम स्टे की व्यवस्था भी इसके माध्यम से की जा सकती है।
हस्तकला उत्पादों के निर्माण और विक्रय को बढ़ावा देते हुए एग्रो टूरिज्म को प्रोत्साहन भी दिया जा सकता है। परिचर्चा में अन्य देशों में पर्यटन व्यवसाय में आये नवाचारों से सीखकर छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई। परिचर्चा में छत्तीसगढ़ी संस्कृति के साथ ही छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए रेस्टोरेंट संचालकों को सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। परिचर्चा में बताया गया कि बस्तर दशहरा सहित अन्य पारंपरिक उत्सवों को पर्यटन की संभावना की दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। राज्य के आदिवासियों ने प्रकृति और संस्कृति को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है जिससे राज्य की लोक कला एवं संस्कृति को बढ़ावा मिल रही है। परिचर्चा में राज्य में ट्राइबल रिसोर्ट बनाने की आवश्यकता के संबंध में विचार विमर्श किया गया।
संस्कृत विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं शासन की ओर से दी जा रही हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रो में पर्यटन की अच्छी संभावनाएं हैं जिसके लिए आधारभूत संरचनाओं और सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। परिचर्चा में ग्लोबल विलेज कनेक्टिविटी के संबंध में भी चर्चा हुई। साथ ही गढ़ कलेवा एवं छत्तीसगढ़ी व्यंजन को बढ़ावा देने के लिये व्यवसाय में डिजिटल सुविधाओ को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता के संबंध में चर्चा की गई। राज्य में पर्यटन के विकास हेतु आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने तथा पर्यटन स्थलों तक पहुंच मार्ग सुलभ बनाए जाने की आवश्यकता बताई गई। परिचर्चा में बताया गया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मीडिया की भागीदारी होनी चाहिए, ताकि स्थानीय संस्कृति के संबंध में अच्छी जानकारी आमजन को मिल सके।
इस अवसर पर जनसंपर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा, अपर संचालक श्री उमेश मिश्रा सहित राज्य में बाहर से आए हुए प्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे