नई दिल्ली । दुनिया भर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। कोविड-19 को हराने की इस लड़ाई के बीच भारत को तीन अहम हथियार मिले हैं। देश में 2 वैक्सीन और एक पिल को मंजूरी देने की सिफारिश की गई है।
2 वैक्सीन 1 पिल को मंजूरी
भारत के ड्रग रेगुलेटर के अंतर्गत आने वाली सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की एक वैक्सीन (कोवोवैक्स), बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन (कोरबेवैक्स) और कोविड-19 के खिलाफ लडऩे वाली एंटी-वायरल पिल के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इन तीनों हथियारों को इमरजेंसी के वक्त इस्तेमाल करने संबंधी एक सिफारिश ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई को भेज दी गई है। इसपर डीसीजीआई जल्द ही कोई अहम फैसला ले सकता है।
इस वजह से अप्रूवल मिलने की पूरी उम्मीद
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि कोवोवैक्स के इस्तेमाल को लेकर जो अध्ययन रिपोर्ट सामने आई है उससे विशेषज्ञ संतुष्ट हैं। बता दें कि कोवोवैक्स यूएस ड्रग मैन्यूफैक्चरर नोवावैक्स का भारतीय स्वरूप है। यह एक नॉनपार्टिकल प्रोटीन पर आधारित कोविड-19 वैक्सीन है। फिलिपिंस में नोवावैक्स और सीरम इंस्टीच्यूट को पहले ही इसके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोवोवैक्स के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। जिसके बाद अब इस बात की उम्मीद काफी बढ़ गई है कि भारत में भी इसे जल्द ही अप्रूवल मिल जाएगी।
क्लिनिकल डेटा ड्रग रेगुलेटर को सौंपा
इस लड़ाई में जिस एक अन्य वैक्सीन को मंजूरी मिलने की उम्मीद है उसे कोरबेवैक्स के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है। इस वैक्सीन को बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बनाया है। कंपनी ने अपना क्लिनिकल डेटा ड्रग रेगुलेटर को सौंप दिया है। केंद्र सरकार ने पहले ही कंपनी को 1500 करोड़ रुपए दिये थे ताकि कोरबेवैक्स की 300 मिलियन डोज को रिजर्व किया जा सके। जल्द ही डीसीजीआई इसपर भी अहम फैसला ले सकता है।