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तेल-तिलहनों के गिरे दाम, चना कांटा, अरहर और मूंग के बढ़े भाव

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । शिकॉगो एक्सचेंज में गिरावट के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव में नरमी रही। आगरा में मिलों द्वारा सरसों की कीमत 100 रुपये बढ़ाये जाने से सरसों तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। वहीं, इंदौर के संयोगितागंज अनाज मंडी में चना कांटा 50 रुपये, तुअर (अरहर) 100 रुपये और मूंग के भाव में 100 रुपये प्रति च्ंिटल की तेजी आयी। मसूर 25 रुपये प्रति च्ंिटल सस्ती बिकी। बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग लगभग एक प्रतिशत की गिरावट थी। गिरावट का असर लगभग सभी तेल-तिलहन पर दिखा। वहीं, केन्द्रीय खाद्य सचिव, सुधांशु पांडेय ने कहा कि जब देश अपनी खाद्य तेल की आवश्यकता के लगभग 60 प्रतिशत भाग का आयात करने पर निर्भर है, तो घरेलू कीमतें स्वाभाविक रूप से अंतरराष्ट्रीय कीमतों से प्रभावित होंगी।

उन्होंने कहा कि भारत में सरकार के हस्तक्षेप के बाद खाद्य तेल की कीमतें लगातार नीचे आ रही हैं और रबी सत्र की सरसों की बेहतर फसल आने के बाद कीमतों के और घटने की उम्मीद है। पांडे ने कहा कि सरकार ने खाद्य तेलों के मामले में आयात शुल्क घटाकर लगभग शून्य कर दिया है और इसने (खुदरा) कीमतों में बहुत महत्वपूर्ण कमी दिखाई है। सरकार द्वारा विभिन्न अंशधारकों के साथ कई बैठकें करने के बाद खुदरा खाद्य तेल की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है।
सरसों तिलहन के भाव में 100 रुपये की वृद्धि
आगरा में बीपी आयल मिल ने सरसों तिलहन के भाव में 100 रुपये की वृद्धि की। इससे बाकी स्थानों पर भी सरसों मांग रही और इस वजह से सरसों तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। फरवरी आखिरी सप्ताह या मार्च पहले सप्ताह तक सरसों की अगली फसल आने तथा खेती के रकबे में वृद्धि को देखते हुए सरसों का उत्पादन में भारी वृद्धि की उम्मीद है। इस बीच गुजरात में तेल मिल वालों की सरसों की मांग देखी गई, जबकि वहां मंडियों में सरसों की आवक ही नहीं हो रही है।
सूत्रों ने कहा कि देश में सस्ते आयातित तेल के आगे तेल प्लांट वालों को सोयाबीन का व्यापार पड़ता नहीं बैठता, जहां उनका खरीद एवं पेराई लागत अधिक होने के बावजूद बाजार में भाव टूटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यही हाल बिनौला और सोयाबीन का है। सूत्रों ने कहा कि मलेशिया को सीपीओ उत्पादन में 600 डॉलर की लागत आती है और वह भारी तेल भंडार होने के बावजूद लगभग 1,300 डॉलर में इसकी बिक्री कर रहा है। यह चिंता का विषय है।
भाव- रुपये प्रति च्ंिटल
सरसों तिलहन – 8,060 – 8,090 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली – 5,725 – 5,810 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 12,700 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,860 – 1,985 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 16,100 रुपये प्रति च्ंिटल।
सरसों पक्की घानी- 2,410 -2,535 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,590 – 2,705 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,820 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,460 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,450
सीपीओ एक्स-कांडला- 10,800 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,450 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,150 रुपये।
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,100 (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन दाना 6,500 – 6,550, सोयाबीन लूज 6,300 – 6,350 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) 3,850 रुपये।
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