नयी दिल्ली। भारत की परवीन ने इस्तांबुल में शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ एकतरफा अंदाज में यूक्रेन की मारिया बोवा को हराकर आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में दूसरे दौर में प्रवेश किया। रोहतक की मुक्केबाज परवीन 63 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहीं। परवीन ने शुरुआत से आक्रामक रुख बनाए रखा था। उन्होंने न केवल सटीकता से मुक्के बरसाए बल्कि अपने डिफेंस के बूते बोवा को हावी होने का मौका नहीं दिया। परवीन ने तेज रिफ्लेक्स दिखाते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी पर कुछ करारे घूंसे मारे। उनके लगातार हमलों ने मारिया को सहज नहीं होने दिया और अंतत: परवीन ने 5-0 के अंतर से जीत दर्ज की।
अपने अभियान की प्रभावशाली शुरुआत के बाद परवीन रविवार को प्री-चर्टर फाइनल मुकाबले में पूर्व यूथ ओलंपिक चैंपियन अमेरिका की जज़ैरा गोंज़ालेज़ से भिड़ेंगी।
आज रात बाद में, निकहत जरीन सहित तीन अन्य भारतीय मुक्केबाज भी इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट में अपनी चुनौती शुरू करेंगी। इस टूर्नामेंट में इस साल दुनिया भर के 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं।
20 मई तक चलने वाला इस साल का आयोजन आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप की 20वी वर्षगांठ का प्रतीक है।
तेलंगाना की 25 वर्षीय मुक्केबाज निकहत 52 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मैच में मेक्सिको की हेरेरा अल्वारेज़ के खिलाफ उतरेंगी, जबकि मनीषा (57 किग्रा), जिन्हें शुरुआती दौर में बाई मिली थी, और स्वीटी (75 किग्रा) क्रमश: नेपाल की काला थापा और इंग्लैंड की केरी डेविस से भिड़ेंगी।
2021 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली जैस्मीन, अनामिका और शिक्षा गुरुवार को अंतिम-32 दौर में अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।
जैस्मिन को 60 किग्रा वर्ग में दो बार की यूथ एशियन चैंपियन थाईलैंड की पोर्नटिप बुआपा से चुनौती मिलेगी जबकि अनामिका (50 किग्रा) रोमानिया की यूजेनिया एंजेल से भिड़ेंगी। शुरूआती दौर में बाई हासिल करने वाली शिक्षा 54 किग्रा भार वर्ग के मैच में अर्जेंटीना के हेरेरा मिलाग्रोस रोज़ारियो से भिड़ेगी।
आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का पिछला संस्करण 2019 में रूस में आयोजित किया गया था। उस समय भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
भारतीय खिलाडिय़ों ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के 11 संस्करणों में अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और 19 कांस्य सहित 36 पदक हासिल किए हैं। रूस (60) और चीन (50) के बाद भारत के नाम सबसे अधिक पदक हैं।
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