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छत्तीसगढ़ की जैव विविधता छत्तीसगढ़ का गौरव है : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

by Bhupendra Sahu

जैव विविधता के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने उठाए अनेक कदम

हसदेव नदी के तट पर ‘गोंडवाना मेरिन फॉसिल्स पार्क‘ का काम अगले माह से होगा शुरू

जैव विविधता संरक्षण हेतु नए बजट मद का सृजन

वनोपज के विक्रय मूल्य की 02 प्रतिशत राशि दी जाएगी स्थानीय जैव विविधता समितियों को

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर मुख्यमंत्री ने ‘परिचर्चा एवं पुरस्कार वितरण‘ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

जैव विविधता संरक्षण हेतु विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार घोषित किए

रायपुर

हसदेव नदी के तट पर ‘गोंडवाना मेरिन फॉसिल्स पार्क‘ का काम अगले माह से होगा शुरू

हसदेव नदी के तट पर ‘गोंडवाना मेरिन फॉसिल्स पार्क‘ का काम अगले माह से होगा शुरू

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जैव विविधता छत्तीसगढ़ का गौरव है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘परिचर्चा एवं पुरस्कार वितरण‘ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

जैव विविधता संरक्षण हेतु नए बजट मद का सृजन

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाये गए हैं। छत्तीसगढ़ में मनेंद्रगढ़ के निकट हसदेव नदी के तट पर समुद्री फॉसिल्स पाए गए हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के इस स्थान के संरक्षण के लिए अगले महीने से यहां गोंडवाना मेरिन फॉसिल्स पार्क का काम भी शुरु हो जाएगा।

जैव विविधता संरक्षण हेतु विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार घोषित किए

श्री बघेल ने कहा कि राज्य की जैव विविधता प्रबंधन समितियों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2020-21 से जैव विविधता संरक्षण हेतु नए बजट मद का सृजन किया गया है। इससे इन समितियों को हर वर्ष राशि उपलब्ध होगी। इसी तरह राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी वनोपज के विक्रय मूल्य की 02 प्रतिशत राशि स्थानीय जैव विविधता समिति को दी जाए। केवल तेंदूपत्ता के विक्रय से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं। इस तरह जैव विविधता प्रबंधन समितियों को हर साल केवल तेंदूपत्ता से लगभग 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होने की संभावना है।

‘परिचर्चा एवं पुरस्कार वितरण‘ कार्यक्रम

मुख्यमंत्री निवास में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रुद्र कुमार, विधायक श्री शैलेष पांडेय और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम प्रदेश के विभिन्न जिलों के वन विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जैव विविधता बोर्ड का गठन वर्ष 2006 में कर लिया गया था, लेकिन इसके काम को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में इसका पुनर्गठन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जन जैव विविधता पंजी तैयार करने के काम में भी अच्छी प्रगति हुई है। गिधवा परसदा क्षेत्र में पक्षी जागरुकता एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है। जैव विविधता संरक्षण के कामों को गति देने के उद्देश्य से राज्य शासन ने दिसंबर 2021 में राज्य वेटलैंड अथॉरिटी को पुनर्गठित किया गया है। इसी तरह प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के 07 वैटलैंड की सर्वे रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। राज्य के वनक्षेत्रों के कई जिलों में प्रागैतिहासिक काल के भित्त-चित्र मिले हैं, इन्हें भी संरक्षित करने की योजना तैयार की जा रही है।

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