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मुख्यमंत्री 7 जुलाई को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को जारी करेंगे 13.63 लाख रूपए की अनुदान राशि

by Bhupendra Sahu

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 7 जुलाई को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत डेयरी स्थापित करने वाले 25 हितग्राहियों को 13 लाख 63 हजार 500 रूपए की अनुदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में जारी करेंगे। लाभान्वित सभी हितग्राही गौठानों से जुड़े हैं और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना से लाभान्वित होकर गौठानों में ही डेयरी यूनिट स्थापित की है। गौठानों से जुड़े हितग्राहियों को डेयरी स्थापना के लिए योजनांतर्गत लाभान्वित किए जाने की विशेष पहल पशु चिकित्सा संचालनालय द्वारा शुरू की गई है। इसका उद्देश्य गौठानों में आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है।
प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक हितग्राहियों को आय के अतिरिक्त जरिया उपलब्ध कराने के लिए राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना वर्ष 2019 से संचालित की जा रही है।

इस योजना के तहत इच्छुक हितग्राहियों को उन्नत देसी नस्ल अथवा उच्च संकर नस्ल की दो दुधारू गाय अथवा भैंस दिये जाने का प्रावधान है। डेयरी इकाई की लागत एक लाख 40 हजार रूपए होने पर सामान्य एवं अन्य पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों को 70 हजार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को 93 हजार 200 रूपए का अनुदान दिया जाता है।
प्रदेश के गौठानों के स्वसहायता समूह से जुड़े लाभान्वित सदस्यों को 6 माह पश्चात् एक अतिरिक्त गाय अन्य शासकीय योजनाओं के माध्यम से दिए जाने की व्यवस्था की गई है, ताकि हितग्राहियों को वर्षभर दुग्ध उत्पादन से लाभ प्राप्त होता रहे। मुख्यमंत्री 7 जुलाई को कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में अनुसूचित जाति के 7 एवं अनुसूचित जनजाति के 10 हितग्राहियों सहित कुल 25 हितग्राहियों को उनके द्वारा गौठानों में स्थापित डेयरी इकाई हेतु राशि 13 लाख 63 हजार 500 रूपए का अनुदान राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत जारी करेंगे, जिसमें 7 हितग्राही भूमिहीन, 8 हितग्राही किसान न्याय योजना के लाभार्थी एवं 10 हितग्राही स्व सहायता समूह के सदस्यों के परिवार के हैं। गौठानों में डेयरी व्यवसाय प्रारंभ करने से हितग्राहियों के दुधारू पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा की निःशुल्क उपलब्ध होगा, जिससे पशुपालन के व्यय में कमी आएगी और वह दूध एवं गोबर का विक्रय कर ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

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