मेलबोर्न । ऑस्ट्रेलिया की टीम भले ही श्रीलंका दौरे पर गई हो लेकिन उनका पूरा ध्यान अगले साल होने वाले भारत दौरे पर है। पहले टेस्ट में जीत के बाद अगले टेस्ट में ड्रॉ भी एशिया में उन्हें लगातार दूसरी सीरीज़ जिता सकता है। इससे पहले उन्होंने इसी साल पाकिस्तान को हराया था, जो कि ऑस्ट्रेलिया की एशिया में 11 साल बाद कोई पहली टेस्ट सीरीज़ जीत थी। 2004 के बाद से ऑस्ट्रेलिया भारत में कोई सीरीज़ नहीं जीत सका है।
जहां आशा के विपरीत पाकिस्तान ने तीनों टेस्ट मैच में बल्लेबाज़ों के अनुकूल पिच दी , जहां पर गेंद मुश्किल से टर्न कर रही थी। वहीं श्रीलंका ने गॉल में रैंक टर्नर पिच दी , जिसे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने अब तक की सबसे मुश्किल पिच कहा। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने इसका पूरा फ़ायदा उठाते हुए मैच में कुल 18 विकेट झटके, जिसमें पार्ट टाइम स्पिनर भी शामिल थे।
अगले साल भारत में भी ऑस्ट्रेलिया कुछ ऐसी ही पिचों की उम्मीद कर रहा है। उनके असिस्टेंट कोच डैनियल वेटोरी ने कहा, अलग-अलग जगहों पर परिस्थितियां अलग-अलग होंगी। अगर आप मोहाली में खेलते हैं तो विकेट पाकिस्तान जैसी फ़्लैट मिल सकती है, वहीं अगर आप वानखेड़े में खेलते हैं तो वह गॉल जैसा स्पिन करेगी। ‘
साथ ही ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ अब स्वीप शॉट के द्वारा ज़्यादा रन बनाने का प्रयास कर रहे हैं।। पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की लगभग 45.7 प्रतिशत बाउंड्री या तो स्वीप या रिवर्स-स्वीप के द्वारा आए थे। साल 2016 में श्रीलंका में उनकी 3-0 की हार में यह प्रतिशत 20.8 था।
वेटोरी ने कहा, कई मायनों में भारत में वह स्वीप करते हुए बाउंड्री बटोरने में इतना सफल नहीं होंगे। जो खिलाड़ी लोग बहुत अच्छी तरह से स्वीप करते हैं उन्होंने जितना संभव हो उतना जोर देने की कोशिश की और बाउंड्री बटोरने का प्रयास किया। ऐलेक्स कैरी ने शायद सबसे स्वीप करने का प्रयास किया था। उन्होंने कुल 12 ऐसे स्वीप शॉट मारे थे जिसमें उन्हें रन मिला था।
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