लंदन । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से गुजरने की भविष्यवाणी की है। इसने आर्थिक प्रगति का पूर्वानुमान घटाया है और दुनिया के एक तिहाई हिस्से में आर्थिक संकुचन का अनुमान लगाया है। सबसे बुरा वक्त अभी आना बाकी है। साल 2023 भारी मंदी की तरह महसूस होगा। आईएमएफ ने जुलाई में अपेक्षित राशि से 2023 के लिए वैश्विक विकास दर में संशोधन कर गिरावट दिखाया है। अगले साल मात्र 2.7 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद की गई है। यह पिछले साल की 6 प्रतिशत की वृद्धि और इस वर्ष के 3.2 प्रतिशत की वृद्धि के पूवार्नुमान से कम है।
आईएमएफ ने कहा, यह कोविड-19 महामारी और वैश्विक वित्तीय संकट के तीव्र चरण को छोड़कर, 2001 के बाद से ‘सबसे कमजोर ग्रोथ प्रोफाइलÓ है। यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए ‘महत्वपूर्ण मंदीÓ को दर्शाता है, क्योंकि अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2022 की पहली छमाही में अनुबंधित है, इसके बाद 2022 की दूसरी छमाही में यूरो क्षेत्र का संकुचन और चीन में लंबे समय तक कोविड-19 का प्रकोप और लॉकडाउन रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, दुनिया एक अस्थिर दौर में है : आर्थिक, भू-राजनीतिक और पारिस्थितिक परिवर्तन सभी वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, आईएमएफ ने भी यही भविष्यवाणी की है।
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