पणजी । केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि सरकार भारत को फिल्म शूटिंग और निर्माण के लिए एक गंतव्य के रूप में बनाना चाहती है। उन्होंने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के उद्घाटन समारोह से पहले संवाददाताओं से कहा, हमने महामारी का समय देखा है और इससे बाहर निकलकर अब बड़ी संख्या में आईएफएफआई देख रहे हैं। इसके माध्यम से क्षेत्रीय सिनेमा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जा रहा है। ठाकुर ने सभी प्रतिनिधियों और फिल्म निर्माताओं का स्वागत करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक फिल्मों को यहां लाने और क्षेत्रीय फिल्मों को नई उम्मीद देने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा, हमें आईएफएफआई में वैश्विक फिल्मों को लाने का अवसर मिला। आईएफएफआई में फिल्म बाजार शानदार है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों को यहां लाया जाता है, यहां तक कि आईएफएफआई के माध्यम से भारत की क्षेत्रीय फिल्मों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाता है। इस तरह भारतीय कला और संस्कृति को विश्व स्तर पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, हम भारत को निर्माण, सहयोग, पोस्ट प्रोडक्शन और फिल्म शूटिंग के लिए एक बड़े बाजार के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। मुझे खुशी है कि दुनिया भर के लोग अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
नौ दिवसीय पर्व, जिसमें 79 देशों की 280 फिल्में और कई अन्य गतिविधियां शामिल हैं, डायटर बर्नर द्वारा निर्देशित आस्ट्रियाई फिल्म अल्मा एंड आस्कर के साथ शुरू हो रहा है, जबकि क्रिजीस्त ऑफ जानुसी की परफेक्ट नंबर समापन फिल्म है। फ्रांस स्पॉटलाइट देश है और कंट्री फोकस पैकेज के तहत आठ फिल्में दिखाई जाएंगी। आईएफएफआई में 6,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।