गांधीनगर । भारत के गुजरात में कोरोना वायरस का बीएफ-7 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र ने जनता से जरूरी सावधानी बरतने की अपील की है और कोविड वैक्सीन की मांग में अचानक उछाल आया है। वैक्सीन की मांग में अचानक बढ़ोतरी की वजह से कुछ स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन की कमी हो गई है। जल्द ही वैक्सीन की सप्लाई बढऩे की बात कही जा रही है। गुजरात सरकार में स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त निदेशक नीलम पटेल ने समोवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चूंकि कोरोना वायरस के केसों में भारी गिरावट आई थी, इसलिए लोगों ने कोविड-19 को हल्के में लेना शुरू कर दिया था।
इसी वजह से लोगों ने बूस्टर डोज लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस कारण सरकार ने भी कम स्टॉक रख रहा था। सोमवार तक राज्य सरकार के पास 35 हजार वैक्सीन की बोतलें उपलब्ध हैं। नीलम पटेल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक औसतन 3,000 टीकाकरण दैनिक आधार पर हो रहे थे, लेकिन 15 दिसंबर के बाद से अचानक बड़ी संख्या में लोग बूस्टर डोज लेने के लिए आ रहे हैं।
शुक्रवार से प्रतिदिन 10 हजार लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही थी जिसके कारण कुछ स्वास्थ्य केंद्रों को वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ रहा था। नीलम ने आगे कहा कि वैक्सीन के लिए एक नया आदेश दिया गया है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन की सप्लाई बहाल हो जाएगी और लोगों को टीका लगवाए बिना वापस नहीं लौटना पड़ेगा।
राजकोट के जिला कलेक्टर अरुण महेश बाबू ने कोविड-19 चुनौतियों के लिए स्थिति और तैयारियों का जायजा लिया और साथ ही सरकारी अस्पतालों, ऑक्सीजन प्लांटों और कोविड वाडरें का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को कोरोना वैक्सीन के स्टॉक और सप्लाई के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वह जिला विकास अधिकारी और राजकोट नगर आयुक्त के साथ वैक्सीन को लेकर चर्चा करेंगे और जिले के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
वहीं अहमदाबाद में जिला शिक्षा अधिकारी हितेंद्र पढेरिया ने स्कूल प्रबंधन के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की और उन्हें छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य करने और स्कूलों में कोविड गाइडलाइंस का पालन करने जैसे एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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