जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने नया टापरा (दोलपुरा) से बेणेश्वर धाम तक पैदल यात्रा की और हरी मंदिर में पूजा की।पैदल यात्रा के दौरान उन्होंने मेले में चूडिय़ाँ भी खऱीद कर पहनी। मावजी और काली माता की तस्वीर भी खऱीदी। मेले में एक आदिवासी महिला के आग्रह पर तीर कमान भी चलाया और कहा कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं। अपने कार्यकाल में निर्मित संत मावजी महाराज का पेनोरमा देखा। बृह्मा,शिव और बाल्मीकी मंदिर में दर्शन किए। राजे ने कहा कि राजस्थान में बदलाव होगा और बागड़ सहित हर क्षेत्र में जो भी काम शेष में रहे वे पूरे करवायेंगे।
पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने बागड़ सहित प्रदेश के हर क्षेत्र का विकास करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि मावजी महान संत ही नहीं विश्व के सर्वश्रेष्ठ भविष्यवक्ता थे। चौपड़ों में लिखी जिनकी हरेक भविष्यवाणी आज सच हो रही है। मावजी ने कोरोना जैसी महामारी के लिए 300 साल पहले ही अपने चौपड़ें में लिख दिया था कि पृथ्वी पर ऐसे भयंकर प्रकोप होंगे, जिससे नगर बाजार सब वीरान और सुनसान हो जायेंगे।
बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा वसुन्धरा फिर से
इस अवसर पर बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने राजे को आशीर्वाद दिया और कहा कि ईश्वर से कामना है कि वे पुन: आयें और राजस्थान जी सेवा करे। उन्होंने कहा कि वसुन्धरा जी का बागड़ क्षेत्र से विशेष लगाव है।
इससे पूर्व उदयपुर एयरपोर्ट पर राजे का ज़ोरदार स्वागत हुआ। उदयपुर से बेणेश्वर धाम तक कऱीब 35 जगह स्वागत हुआ। लोग उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़े।
ये थे मौजूद
सांसद अर्जुन मीणा, कनकमल कटारा, विधायक दीप्ति माहेश्वरी, धर्मनारायण जोशी, ललित अस्तवाल, अर्जुन जीनगर, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष शांति लाल चपलोत, पूर्व मंत्री हरी सिंह रावत, पूर्व विधायक नाना लाल आहारी सहित कई नेता शामिल थे।
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