रायपुर। वाणिज्यिक कर (आबकारी) एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने अनुसूचित जनजाति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक एकता के साथ समाज सुधार का कार्य करें और समाज के हित में पेसा कानून को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। श्री लखमा आज रायपुर के शहीद स्मारक भवन में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा आयोजित अनुसूचित जनजाति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थें।
मंत्री श्री लखमा ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गत वर्ष राज्य में पेसा कानून लागू किया गया। पेसा कानून का राज्य में प्रारंभिक काल है। आदिवासी समाज के हित में सामाजिक एकता के साथ इसमें सुधार के लिए अनुसूचित जनजाति आयोग को सुझाव दे। आयोग उनके सुझाव कोे सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के हित में सरकार ने कोशिश की है कि आदिवासी क्षेत्रों में समाज के स्थानीय निवासियों को वहीं पर सरकारी नौकरी मिले।
सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आदिवासी समाज को सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था की है। आदिवासी संस्कृति और सामाजिक संरक्षण के लिए सरकार द्वारा देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। श्री लखमा ने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के पंचायती राज का सपना ग्राम विकास से ही पूरा होगा। पंचायती राज व्यवस्था में सरपंच ही ग्राम का विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि आयोग के वार्षिक अधिवेशन में उसके कार्यों की प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पास कई चुनौतियां हैं। देश की आजादी के बाद आदिवासियों को बराबरी का दर्जा देने के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मौका दिया गया।