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नाबार्ड की प्रदर्शनी से ग्रामीण कुटीर उद्योगों और हस्तशिल्प को मिलेगा बढ़ावा: कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

by Bhupendra Sahu

रायपुर । कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने आज बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर रायपुर में चार दिवसीय “गोंडवाना राष्ट्रीय आजीविका, कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2023” का शुभारंभ किया। यह आयोजन नाबार्ड के छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 27 मार्च से 30 मार्च तक किया जा रहा है।

प्रदर्शनी में नाबार्ड ने 120 स्टॉल प्रायोजित किया है जिनमें कि नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूहों, एफपीओ, गैर कृषि क्षेत्र के कारीगरों समेत 250 प्रतिभागी सम्मिलित हुए है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 125 प्रतिभागी, साथ ही देश के अन्य 15 राज्यों-यथा महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिमी बंगाल, झारखंड, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश व हरियाणा से करीब 125 प्रतिभागी प्रदर्शनी में भाग लेकर इसका लाभ उठायेंगे। इसके अलावा राज्य के 5 जिलों से 125 किसानों और कारीगरों को भी एक्स्पोसर विजिट पर आमंत्रित किया गया है।

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्य में कृषि और ग्रामीण विकास में नाबार्ड के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन आदिवासी और सांस्कृतिक परम्परा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस मेले के आयोजन से ग्रामीण कुटीर उद्योगों तथा हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चन्द्राकर ने कहा कि नाबार्ड के इस राष्ट्रीय मेला में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों के ग्रामीण शिल्पकारों, बुनकरों, स्व-सहायता समूहों, किसानों द्वारा निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए है। नाबार्ड द्वारा ऐसे शिल्पकारों एवं कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए ‘गोंडवाना राष्ट्रीय आजीविका, कला एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2023’ का महत्त्व बताया और आह्वान किया कि नाबार्ड ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूह, शिल्पकार, उत्पादक संगठनों, हथकरघा, हस्तशिल्पकारों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री हेतु एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में स्टॉल के साथ ही ‘किड जोन’, ‘फूड कोर्ट’ भी हैं। मेले में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

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