रायपुर विशेषज्ञ चिकित्सकों की यह नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे अपने साथी चिकित्सकों के बीच शिक्षा और शोध को प्रोत्साहित करें, जिससे रोगियों को सही उपचार मिल सके। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने आज रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित छत्तीसगढ़ ओबेसिटी डायबिटीज एंड एंडोक्राइन सोसाइटी के पहले वार्षिक सम्मेलन ‘‘कोडकॉन-2023‘‘ का उद्घाटन करते हुए यह उद्गार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि मधुमेह, थायरॉयड, मोटापा, बांझपन, पिट्यूटरी, अधिवृक्क आदि हार्मोन से संबंधित विकार हैं। देश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने के कारण निदान और उपचार करने में डॉक्टरों को कई दुविधाओं का सामना करना पड़ता है। शीघ्र निदान और उपचार से इन रोगों से संबंधित कई जटिलताओं को ठीक किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में लगभग 70 मिलियन मधुमेह रोगी हैं। मधुमेह शरीर में कई जटिलताओं को जन्म देता है, जिससे न केवल रोगी के जीवन की गुणवत्ता खराब होती है बल्कि परिवार और समाज दोनों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है।
विश्वभूषण हरिचंदन
इस बीमारी का शीघ्र पता लगाने, रोकथाम और शीघ्र चिकित्सा की आवश्यकता होती है जिससे रोगी का स्वस्थ जीवन सुनिश्चित कर मधुमेह मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। इसी तरह थायरॉइड विकार, मोटापा आम हैं लेकिन फिर भी इसका निदान नहीं हो पाता है और क्षेत्र में अपडेट की कमी के कारण उचित उपचार नहीं हो पाता है। इस संबंध मंे जन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जाने चाहिए जिससे चिकित्सकों के साथ-साथ रोगियों को भी लाभ मिल सके।
राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सकों अपनी जिम्मेदारी के प्रति सर्तक होना चाहिए। वे मरीजो के लिए भगवान होते है। वे मानवता, विश्व और समाज की रक्षा के लिए काम करते है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान डॉक्टर, नर्स, हेल्थ वर्करों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन लोगो ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगो की जान बचाने के लिए जिस तरह कार्य किया, उसकी प्रशंसा देश के बाहर भी हुई है।