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महाबैठक में भाजपा के खिलाफ 15 दलों ने खोला मोर्चा…तय हुआ एकजुट होकर लडऩे का एजेंडा

by Bhupendra Sahu

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की एकता महाबैठक हुई। उन्होंने दावा किया था कि बैठक में18 घटक दल आएंगे। लेकिन, 15 के नेताओं ने ही बैठक में भाग लिया। बैठक के बाद हुई संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बारी बार से दिग्गज नेताओं ने अपनी बात कही। वहीं कथित तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक सफलता पर फुले नहीं समाएं। बैठक के उपरांत जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जहां जमकर निशाना साधा। वहीं अपने बातों से यह भी साफ कर दिया कि, अपने आप को देश की बड़ी व अग्रसर पार्टी के नेता बताने वालों को भी अति महात्वाकांक्षा को त्यागना होगा। आज की मीटिंग में तीन चीजें क्लियर हुई। पहला हम एक है। दूसरी हम एक साथ लड़ेंगे। तीसरी जो भी पॉलिटिकल एजेंडा बीजेपी लाए, हमलोग साथ मिलकर उसका विरोध करेंगे।इस लड़ाई में अपना खून बहाना पड़ा तो बहाएंगे। आज इतिहास का बड़ा दिन है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बैठक को ”फासीवादी, निरंकुश शासन” के खिलाफ ”युद्ध घोष” करार दिया। बैठक की एकता को लेकर संदेह भी तब उपजा जब एक बार फिर विपक्षी एकता की बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि, अध्यादेश पर कांग्रेस रुख साफ करे, नहीं तो उसके साथ किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। बैठक के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए। बिहार के मुख्यमंत्री निवास एक अणे मार्ग में हुई इस बैठक में 15 पार्टियों के नेता मौजूद रहे। ढाई घंटे की बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई।

विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच हो सकती है। सीएम आवास में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक जल्द की जाएगी और इसी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा कि कौन कहां से, कैसे लड़ेगा। जबकि राहुल गांधी ने कहा-हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है। बीजेपी व आरएसएस हमले कर रही है। मैंने मीटिंग में कहा कि हम सब एक साथ खड़े हैं। सभी पार्टी में थोड़े-थोड़े डिफ्रेंसेज है, लेकिन एक साथ काम करेंगे। आज जो बातचीत की है, उसे अगली मीटिंग में और आगे बढ़ाएंगे। बता दे कि उक्त बैठक में तय हुआ कि, हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी खड़ा होगा।

भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का नाम होगा। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से लेकर सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला रक बात हुई और
इसके अलावा, दिल्ली अध्यादेश पर भी बात उठी। इधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 हटाने पर आम आदमी पार्टी के रुख पर आश्चर्य जताया है। बहरहाल जो भी हो उक्त बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम के स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की नेता ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा, संजय सिंह, लेफ्ट से डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती। कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी,एनसीपी से शरद पवार, सुप्रीया सुले, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, सपा के अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी ) के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, जेएमएम के हेमंत सोरेन, बिहार से जदयू से नीतीश कुमार, संजय झा, ललन सिंह और राजद के तेजस्वी यादव और लालू यादव शामिल हुए।

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