नई दिल्ली । मणिपुर में पिछले तीन महीने से हिंसा पूरी तरह से थमी नहीं है। अब राज्य में तनाव से निपटने का काम सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी को सौंप दिया गया है। उन्होंने 2015 में म्यांमार में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। 24 अगस्त को मणिपुर सरकार ने कर्नल (रिटायर्ड) नेक्टार संजेनबम को मणिपुर पुलिस विभाग में सीनियर सुपरिंटेंडेंट (कॉम्बैट) के तौर पर तैनात कर दिया है। उनका कार्यकाल पांच साल का होगा।
सेना के अधिकारी 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज में सेवा दे चुके हैं। उन्हें कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसे सैन्य सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। 28 अगस्त को मणिपुर के जॉइंट सेक्रेटरी (होम) ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 12 जून की कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया था। बता दें कि मणिपुर बीते तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां आंकड़ों के मुताबिक अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों को अपना घर छोडऩा पड़ा।
बीते पांच दिनों में ही मणिपुर में कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 30 लोग घायल हो गए हैं। मणिपुर हाई कोर्ट के राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के निर्देश देने के बाद यह हिंसा शुरू हुई थी। 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद कुकी समुदाय और मैतेयी के बीच हिंसा शुरू हो गई।
इस नियुक्ति से कुकी संगठन खुश नहीं हैं। कुकी समुदाय के स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन केएसओ का कहना है कि मैतेयी अधिकारियों को राज्य में ऊंचे पदों पर बैठाया जा रहा है। बता दें कि मणिपुर में बीच में सेना और पुलिस के बीच भी टकराव देखने को मिला था। इसके बाद दोनों ही तरफ से बयान जारी किए गए थे। इस टकराव को रोकने के लिए भी इस तरह का फैसला उठाया गया है।
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