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संदेहास्पद लेन-देन पर रखी जाए नजर: डॉ भुरे

by Bhupendra Sahu

रायपुर  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में जिले के बैंकिंग संस्थाओं की बैठक ली। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के दौरान चुनाव अभ्यर्थियों का जीरो बैलेंस खाता खोला जाए। साथ ही चुनाव के समय बैंक खाताओं से होने वाले संदेहास्पद लेन-देन, किसी खाते से अधिक संख्या में पैसे की निकासी और एक ही दिन में अलग-अलग नाम से निकासी अवांछित लेनदेन होने की स्थिति में तुरंत ही सूचना दी जाए।

डॉ भुरे ने कहा कि लेनदेन की समस्त रिकॉर्डिंग सीसीटीवी के माध्यम से अनिवार्य रूप से रखा जाए। ऑनलाइन बैंकिंग यूपीआई के माध्यम से होने वाले लेनदेन की भी निगरानी की जाए। यदि किसी बैंक खाता यूपीआई के माध्यम से लगातार कैश ट्रांजेक्शन किया जाता है या किसी बैंक खाता जिस पर काफी समय से लेन देन ना हुआ हो और उस खाते से ही लेनदेन किया जाता है तो इसकी सूचना भी दी जाए। उन्होंने बैंकर्स को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। एसएसपी श्री प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी खाते से एक लाख से अधिक का लेन-देन किया जाता है और छोटी-छोटी राशियों के संदेहास्पद लेन-देन, एक ही जगह के एटीएम से बार-बार निकासी होने की स्थिति मे संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की जाएगी।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गजेन्द्र ठाकुर ने बताया कि बैंकों के सामान्य कार्यों के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कैश ट्रांजैक्शन हेतु जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई पालन सुनिश्चित किया जाए ।

बैठक में बताया गया कि चुनाव के दौरान बैंकों के माध्यम से कैश फ्लो की निगरानी हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम एप में सुविधा है। सभी शासकीय/अर्धशासकीय बैंक शाखाओं का संपूर्ण विवरण ऑनलाइन पोर्टल में एंट्री किया जाना अनिवार्य है। बैंकों द्वारा कैश वाहन के परिवहन किए जाने हेतु ऑनलाइन पोर्टल में डीएलबीसी लॉगिन के माध्यम से समस्त बैंक ब्रांच जिनके द्वारा कैश वहां का परिवहन किया जाना है इत्यादि प्रोफाइल बनाकर लॉगिन करना पड़ेगा होगा। इसके पश्चात कैश वाहन जाने पर उसकी पूर्ण जानकारी एंट्री करें। क्यूआर कोड जनरेट कर वाहन में लगाना होगा। कैश ट्रांसफर ट्रांसपोर्टेशन में उपयोग में ले जाने वाले वाहन में क्यूआर कोड चस्पा करना अनिवार्य होगा जिसमें वाहन संबंधी जानकारी जैसे वहां की जानकारी दी एक बार जनरेट कर कोड एक बार में कैश ट्रांजैक्शन हेतु ही उपयोग किया जाएगा। क्यूआर कोड जनरेट करने पर चुनाव के दौरान चेक-पोस्ट/नाके में जांच किए जाने पर बार कोड स्कैनिंग के माध्यम से ऑथेंटिकेशन किया जाएगा जिससे असुविधा नहीं होगी। बैठक में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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