मुंबई । महाराष्ट्र कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और बांद्रा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी एनसीपी में शामिल हो गए हैं। प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार और सुनील तटकरे की मौजूदगी में वह एनसीपी में शामिल हुए। बाबा सिद्दीकी 48 साल से कांग्रेस पार्टी में काम कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों से चर्चा थी कि बाबा सिद्दीकी पार्टी में नाखुश हैं। सिद्दीकी ने गुरुवार को कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बाबा सिद्दीकी के महागठबंधन में शामिल होने की बात कही जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक वह शनिवार को एनसीपी के अजित पवार गुट में शामिल हुए।
बाबा सिद्दीकी ने इस दौरान बताया कि उन्होंने कैसे एनसीपी ज्वाइन करने का फैसला किया। सिद्दीकी ने कहा, प्रफुल्ल पटेल के घर नाश्ते पर चर्चा हुई थी, उसी दिन निर्णय हो गया था कि मुझे 10 तारीख को एनसीपी में शामिल होना है। मैंने उसी दिन कांग्रेस के आला अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी थी और 48 साल बाद कांग्रेस का साथ छोडऩे का निर्णय लिया। मैं खुली किताब हूं। मैं खानदानी आदमी हूं। मैं किसी की बुराई नहीं करना चाहता हूं। हमारे यहां परसेप्शन की राजनीति हो रही है इसलिए निर्णय लेना पड़ा। मैंने कहा था मुझे छेड़ो नहीं वरना मैं छोडूंगा नहीं। मैं गद्दारी नहीं करूंगा। मैं चाहता हूं अजीत पवार के साथ हर हाथ में घड़ी हो। पूर्व मंत्री सिद्दीकी ने आगे कहा, सभी को साथ लेकर चलना है। हिंदुस्तान जो हमारे पूवर्जों ने चाहा था उसे पूरा करेंगे। मुंबई कांग्रेस इकाई का सिद्दीकी एक उल्लेखनीय चेहरा थे। जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में था, तब मंत्री के रूप में कार्य किया था।