रायपुर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के न्यौता पर छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा जिले के सिलगेर, टेकलगुड़ा और पुवर्ती गांवों के 47 युवक युवती आजादी के 75 साल बाद अपने गांव से पहली बार बाहर निकले हैं। राजधानी रायपुर भ्रमण के दूसरे दिन एयरपोर्ट, जंगल सफारी, रेलवे स्टेशन एवं पुलिस मुख्यालय देखने पहुँचे।
जंगल सफारी में शेर पर टिकी निगाहें
माओवाद प्रभावित इन गांवों के युवाओं ने जंगल में अनेक जंगली जानवर देखे थे मगर इन युवाओं में आज सुबह से जंगल सफारी में शेर देखने बहुत उत्साहित थे। जब युवा जंगल सफारी पहुँचे तो उनकी निगाहें वन्हा शेर पर टिक गई, युवाओं ने कहा शेर देखने का सपना आज पूरा हो गया। इन युवाओं ने आज सुबह जंगल सफारी का भ्रमण कर वन्हा अनेक जंगली-जानवर भी देखे।
छुक-छुक गाड़ी और आसमान में हवाई जहाज देख दौड़ पड़े युवा
सुकमा जिले के युवा जब रेलवे स्टेशन पहुँचे, ट्रेन जब हार्न बजाते हुए गुजरी तो युवा झट से छुक-छुक गाड़ी बोलकर पीछे दौड़ पड़े.. युवा के मन में थी बस एक बार ट्रेन देखने मिल जाए… पर ट्रेन तो वहां से बहुत दूर से गुजर रही थी। जब युवा एयरपोर्ट पहुचें इसी बीच आसमान पर प्लेन भी दिखाई दिया तो वे तालियां बजाकर उछलने लगे.. शहरी बच्चों के लिए भले ही यह नई बात न हो पर बस्तर के गांव से आए इन आदिवासी बच्चों के लिए आज भी शहर की जिंदगी उनके लिए नई दुनिया जैसी है।