बेमेतरा । जिले में शनिवार सुबह बोरसी की बारूद फैक्ट्री में जबर्दस्त धमाके के बाद अस्पताल में एक घायल की मौत हुई थी और गांववालों का दावा था कि फैक्ट्री की जिस यूनिट में धमाका हुआ था, वहां 12 लोग काम कर रहे थे जो लापता हैं। इनमें से 7 लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इनके परिजन, खासकर महिलाएं रविवार को सुबह से धरने पर बैठ गई हैं। इधर, राहत और बचाव दल अब तक धमाके का पूरा मलबा नहीं हटा पाए हैं। क्योंकि जहां विस्फोट हुआ था, वहां बड़ा गड्ढा हुआ और पूरा मलबा उसी में समा गया है। रविवार को सुबह से मलबा हटाने का काम चल रहा है।
डिप्टी सीएम साव ने किया दौरा
वहीं घटना स्थल पहुंचने के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि बेमेतरा में एक बारूद फैक्ट्री में बड़ा विस्फोट हुआ है, यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने घटनास्थल का दौरा किया है। घटना की स्थिति को देखकर यह स्पष्ट है कि बहुत बड़ा हादसा हुआ है। साव ने कहा कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया, इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की पूरी टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
धरने पर बैठे लापता कर्मियों के परिजन
फैक्ट्री में धमाके के तुरंत बाद से ही 8 लोगों के मारे जाने की खबरें आई थीं, लेकिन प्रशासनिक तौर पर अब तक पुष्टि नहीं हुई है। वजह ये है कि अब तक शव नहीं मिले हैं, इसीलिए इन्हें लापता ही माना जा रहा है। मलबा हटाया जा रहा है, लेकिन दोपहर 12 बजे तक शव नहीं मिल पाए हैं। जिनके परिजन सुबह 6 बजे फैक्ट्री पहुंचे थे और धमाके के बाद से अब तक नहीं मिले हैं, वे शनिवार शाम से घटनास्थल पर इकट्ठा होने लगे थे और अब धरने पर बैठ गए हैं। वे अपने परिजन को तलाश करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि मौके पर बचाव दल से जुड़े लोगों ने कहा कि जब तक पूरा मलबा हट नहीं जाता और शव नहीं मिलते, स्थिति स्पष्ट कर पाना मुश्किल है।
शरीर के टुकड़े मिल रहे, पहचान कैसे होगी?
सुबह से मलबा हटाने में लगी एसडीआरएफ तथा बचाव टीमों के सदस्यों के मुताबिक मलबे में शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े मिले हैं। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि यह टुकड़े शवों के हैं या घायलों के। इनसे पहचान कर पाना भी संभव नहीं है। दुर्घटना में घायल 6 लोगों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर है।