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परमात्मा के साथ योग न होने से जीवन में दु:ख और अशान्ति : ब्रह्माकुमारी राधिका दीदी

by Bhupendra Sahu

रायपुर । वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी राधिका दीदी ने कहा कि परमात्मा सुख, शान्ति, आनन्द और प्रेम के भण्डार हैं। इसलिए उनका सही परिचय जानकर उनके साथ योग लगाने से ही हमारे जीवन में पवित्रता, सुख और शान्ति आएगी।

ब्रह्माकुमारी राधिका दीदी आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर रायपुर में आयोजित आओ खोलें खुशियों के द्वार- राजयोग अनुभूति शिविर के दूसरे दिन परमात्मानुभूति विषय पर अपने विचार रख रही थीं। उन्होंने कहा कि परमात्मा का यथार्थ परिचय न होने के कारण संसार में सबसे अधिक विवाद भगवान के परिचय को लेकर है। जब हम कहते हैं कि परमात्मा एक है तो उनका परिचय भी एक ही होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम पांच बातों के आधार पर हम भगवान को पहचान सकते हैं। पहला वह सर्वोच्च हैं। दूसरा वह जन्म-मरण से परे हैं। अभोक्ता हैं। तीसरा वह सर्वज्ञ हैं। चौथा वह ज्ञान, गुण और शक्तियों के सागर हैं। पांचवा वह सर्व धर्म मान्य हैं। उन्होंने बतलाया कि सभी धर्मों के अनुसार परमात्मा निराकार और ज्योर्तिबिन्दु स्वरूप हंै। निराकार का मतलब यह नहीं है कि परमात्मा का कोई रूप नहीं है। बल्कि अशरीरी होने के कारण हम शरीरधारियों की भेंट में उन्हें निराकार कहा गया है। परमात्मा को आंखों से नहीं देख सकते हैं किन्तु राजयोग मेडिटेशन के द्वारा उनके गुणों और शक्तियों का अनुभव किया जा सकता है।

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