नईदिल्ली। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में भारतीय कमर्शियल वाहन (सीवी) उद्योग की थोक बिक्री 4 से 7 प्रतिशत घट सकती है। संभावित गिरावट कई प्रमुख कारणों के साथ-साथ सुस्त बढ़ोतरी की वजह से दर्ज की जा सकती है।
मुख्य रूप से पिछले वित्त वर्षों के ऊंचे आधार प्रभाव और 2024 में आम चुनावों के कारण आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती की वजह से इन वाहनों की बिक्री की रफ्तार प्रभावित हो सकती है। वित्त वर्ष 2025 के पहले कुछ महीनों में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं जिससे भी इन वाहनों की मांग पर दबाव पड़ेगा।
फरवरी 2024 में उद्योग ने थोक बिक्री में एक साल पहले के मुकाबले 0.7 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की। हालांकि वह तिमाही आधार पर 5.1 प्रतिशत वृद्धि में सफल रहा। इस मिलेजुले प्रदर्शन के लिए आम चुनावों के लिए आचार संहिता की वजह से निर्माण गतिविधियों में गिरावट और ऊंचे आधार प्रभाव को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसके विपरीत इन वाहनों की खुदरा बिक्री में इजाफा हुआ।
इक्रा में कॉरपोरेट रेटिंग्स में उपाध्यक्ष एवं सह-समूह प्रमुख किंजल शाह का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में बिक्री और टन भार में वृद्धि ने ऊंचा आधार तैयार किया है। वित्त वर्ष 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान घरेलू सीवी थोक बिक्री में सालाना आधार पर 2.1 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद बाद के समय में निर्माण गतिविधियों में सुस्ती से शुरुआती लाभ प्रभावित हुआ है।
वित्त वर्ष 2025 में मझोले और भारी कमर्शियल वाहन (एमऐंडएचसीवी) सेगमेंट में 4 से 7 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024 में इस सेगमेंट ने सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसे मुख्य तौर पर सुधरते आर्थिक परिदृश्य और वित्त वर्ष के शुरू में ऊंची माल ढुलाई से मदद मिली। हालांकि संपूर्ण गिरावट में बाद के महीनों में सुस्त मांग का योगदान रहा।
हल्के कमर्शियल वाहन (एलसीवी) सेगमेंट को भी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है और वित्त वर्ष 2025 में इसमें 5 से 8 प्रतिशत कमजोरी का अनुमान है। गिरावट में योगदान देने वाले कारकों में ऊंचा आधार प्रभाव, ई-कॉमर्स में निरंतर कमजोरी और इलेक्ट्रिक तिपहिया से प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से शामिल हैं। इन चुनौतियों की वजह से वित्त वर्ष 2024 में एलसीवी सेगमेंट सालाना आधार पर 3 प्रतिशत गिरावट दर्ज की। साथ ही बारिश की कमी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
इसके विपरीत बस सेगमेंट के वित्त वर्ष 2025 में 2 से 5 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है क्योंकि उसे स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (एसआरटीयू) से रीप्लेसमेंट मांग और पुराने सरकारी वाहनों को समाप्त किए जाने से मदद मिलेगी। इस सेगमेंट ने सालाना आधार पर 27 प्रतिशत वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2024 में कोविड-पूर्व स्तरों को पार कर लिया था, क्योंकि उसे कम आधार प्रभाव और इलेक्ट्रिक बसों की बढ़ती पैठ से मदद मिली थी।
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