रायपुर। बलौदाबाजार में हुई हिंसा के उपद्रवियों की पहचान हो चुकी है। प्रशासन ने हिंसा में शामिल संगठनों के पदाधिकारियों के नाम भी जारी किए हैं। आगजनी में बड़ा नुकसान हुआ है और प्रशासन ने एक लिखित बयान में बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। चर्चा है कि नुकसान की वसूली उपद्रवियों से की जा सकती है, हालांकि इस पर सरकार ने अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है।
प्रशासन के बयान के अनुसार, 10 जून को छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने अमर गुफा गिरौधपुरी जैतखाम मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग और अन्य मुद्दों को लेकर दशहरा मैदान बलौदाबाजार में धरना प्रदर्शन आयोजित किया था। सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल और मजिस्ट्रियल ड्यूटी की व्यवस्था की गई थी।
प्रदर्शन के आयोजकों में किशोर नवरंगे (भीम कांतीवीर अध्यक्ष), दीपक घृतलहरे (प्रगतिशील सतनामी समाज), मोहन बंजारे (प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रदेश अध्यक्ष), सुशील बंजारे (प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रकोष्ठ), जितेन्द्र नौरंगे (सतनाम सेवा समिति जिला अध्यक्ष), ओमप्रकाश खुंटे (सतनामी समाज वरिष्ठ), भुनेश्वर डहरिया, और दिनेश चतुर्वेदी (भीम रेजिमेंट प्रदेश अध्यक्ष) शामिल थे। धरना प्रदर्शन के दौरान, इन संगठनों ने संयुक्त जिला कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई थी।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से करीब 7-8 हजार लोग दशहरा मैदान बलौदाबाजार में जुटे। प्रशासन ने प्रमुख व्यक्तियों को गार्डन चौक में ज्ञापन देने की सलाह दी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। भीड़ ने 2:45 बजे नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और पहला बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ी। रैली चक्रपाणी स्कूल के पास पहुंची, जहां बड़ी बैरिकेडिंग थी। वहां पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई, और बैरिकेड तोड़कर पथराव करते हुए आगे बढ़ गई।
पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ उग्र हो गई और पास खड़ी फायर ब्रिगेड को तोड़-फोड़ कर अपने साथ लाए पेट्रोल-डीजल से आग लगाते हुए आगे बढ़ गई। उपद्रवियों ने संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास हिंसक रूप धारण कर पत्थरबाजी की और लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाई। इसके बाद, 100 से अधिक मोटरसाइकिलें और 30 से अधिक चारपहिया वाहनों को तोड़-फोड़ कर आग लगा दी। पुलिस कार्यालय के रिकॉर्ड भी जल गए। तहसील कार्यालय और शहर के मुख्य मार्ग में लगे डिवाइडर को भी नुकसान पहुंचाया गया।