नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा परिणाम को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को नीट विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किए।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा की नई सरकार ने शपथ लेते ही युवा के सपनों पर फिर से प्रहार शुरू कर दिया है। नीट परीक्षा परिणाम में गड़बडिय़ों पर शिक्षा मंत्री का अहंकार भरा जवाब 24 लाख छात्रों एवं उनके अभिभावकों की चीख-पुकार को पूरी तरह से अनदेखी करता है।
प्रियंका गांधी ने शिक्षा मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा, क्या शिक्षा मंत्री जी को सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्य नहीं दिखते?, क्या बिहार और गुजरात में जो पुलिस कार्रवाइयां हुईं और रैकेट पकड़े गए, सरकार उन्हें भी झूठा मानती है?, क्या 67 टॉपर को पूरे मार्क्स मिलना भी झूठ है? सवाल यह है कि लाखों युवाओं और उनके माता-पिता की अनदेखी कर सरकार सिस्टम में किसको बचाना चाहती है?
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, क्या युवाओं के सपनों को इस भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली की भेंट चढ़ाना बंद नहीं होना चाहिए? क्या सरकार की ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि छात्रों व अभिवावकों की बात की अनदेखी करने की बजाय, शिकायतों पर गंभीरता से गौर करे व एक्शन ले? भाजपा सरकार को अपना अहंकार त्यागकर युवाओं के भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उपाय करने चाहिए।
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने परीक्षार्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि किसी भी बच्चे के करियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार को लिखा, एनईईटी (नीट) मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। मैं परीक्षार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी बच्चे के करियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। इस मामले से जुड़े तथ्य सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी। एनईईटी की काउंसलिंग शुरू होने जा रही है और अब इस दिशा में भ्रमित हुए बिना आगे बढऩे की आवश्यकता है।
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