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15 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, मई में दोगुनी हुई कीमतें

by Bhupendra Sahu

नईदिल्ली। देश में थोक महंगाई दर में बड़ा इजाफा हुआ है. ये अप्रैल के मुकाबले मई में बढ़कर दोगुनी हो गई. ये लगातार तीसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है. थोक महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई. जो अप्रैल के महीने में 1.26 फीसदी थी. शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जानकारी दी कि खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक महंगाई मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई. वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी, जो मई 2023 में शून्य से 3.61 प्रतिशत नीचे रही थी.
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में थोक महंगाई दर का असर देश के आम लोगों और रिटेल बाजार में भी दिखाई दे सकता है. अगर ऐसा होता है तब सबकी निगाहें भारतीय रिजर्व बैंक पर होगीं कि वह इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाता है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, मई 2024 में मुद्रास्फीति बढऩे की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में हुई बढ़ोतरी रही है. आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ गई. जबकि अप्रैल में ये 7.74 प्रतिशत पर थी.
आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी. सब्जियों की मुद्रास्फीति मई में 32.42 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी. वहीं प्याज की मुद्रास्फीति 58.05 प्रतिशत और आलू की मुद्रास्फीति 64.05 फीसदी रही. जबकि मई में दालों की महंगाई दर 21.95 प्रतिशत बढ़ गई. वहीं ईंधन और बिजली बास्केट में मुद्रास्फीति की दर 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल की 1.38 प्रतिशत थी, यानी इसमें मई के महीने में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. वहीं विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अप्रैल में (-) 0.42 प्रतिशत से बढ़कर 0.78 प्रतिशत पर पहुंच गई.
बता दें कि मई के थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि इसी महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है. गौरतलब है कि आरबीआई मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई. बता दें कि जून के महीने में आरबीआई ने आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया.
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