Home » सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका, संदेशखाली हिंसा की सीबीआई जांच पर नहीं लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका, संदेशखाली हिंसा की सीबीआई जांच पर नहीं लगाई रोक

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। संदेशखाली में जमीन हड़पने और जबरन वसूली के मामलों की कोर्ट की निगरानी में ही सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच जारी रहेगी। दरअसल, ममता सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राशन घोटाले में 43 एफआईआर दर्ज की गई है। राजनीतिक वजहों से इसे बढ़ा-चढाकर बताया जा रहा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा कि राज्य सरकार को इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों है? किसी व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धन्यवाद, याचिका खारिज। राज्य सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में कुछ अनुचित टिप्पणियों के खिलाफ दायर की गई थी। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा, आपको अगर ऐसा लगता है तो तो आप हाई कोर्ट में जाकर उन टिप्पणियों को हटाने के लिए कह सकते हैं।
इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से सवाल किया था कि संदेशखाली मामले में राज्य सरकार ने जमीन कब्जाने और महिलाओं के साथ हुए यौन शोषण के आरोपों की सीबीआई जांच वाले निर्देश को चुनौती क्यों दी? बंगाल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के आदेश से पुलिस बल समेत राज्य के तंत्र का मनोबल कमजोर हुआ है।
इससे पहले अप्रैल के दूसरे सप्ताह में हाई कोर्ट ने सीबीआई को एक अलग पोर्टल और ईमेल बनाने का निर्देश दिया था, जिसके माध्यम से संदेशखाली में पीडि़त लोग अवैध तरीके से जमीन हड़पने और जबरन वसूली से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय एजेंसी शिकायतकर्ताओं की पहचान उजागर नहीं करेगी।
कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षक सहित उत्तर 24 परगना में जिला प्रशासन को संदेशखाली में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया था। जिला प्रशासन को संदेशखाली में सड़कों को ठीक से रोशन करने का भी निर्देश उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। संदेशखाली में अवैध रूप से जमीन हड़पने और जबरन वसूली की कई जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में हैं। आरोपियों में शेख शाहजहां और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कई नेता शामिल हैं।
सीबीआई संदेशखाली में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की भी जांच कर रही है। टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुंचे ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था। शाहजहां और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ और जमीन हड़पने का आरोप भी है। विवाद बढऩे पर टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More