नई दिल्ली । 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, भारत की महान जनता ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़कर अपनी आजादी और अपना संविधान हासिल किया है। जिन्होंने संविधान को बनाया, जिनकी संविधान में आस्था है, वे ही संविधान की रक्षा करेंगे। जिन्होंने संविधान लागू होने का विरोध किया, संविधान की समीक्षा करने के लिए आयोग बनाया, संविधान खत्म करने का आह्वान किया, अपने फैसलों और कृत्यों से बार-बार संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार किया, वे नकारात्मक राजनीति वाले संविधान हत्या दिवस मनाएंगे ही, इसमें आश्चर्य कैसा?
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि संविधान बदलने की भाजपा की साजिश नाकाम हो गई है और इस देश की जनता ने उनके साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। इस तरह की हरकतें हार की झुंझलाहट और ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश मात्र है। जब बात अग्निवीर पर होनी चाहिए, मणिपुर पर होनी चाहिए, बेरोजगारी पर होनी चाहिए, महंगाई पर होनी चाहिए तो ये सरकार बात 50 साल पहले की करेगी। अगर ऐसा ही है तो क्यों न हर दिन इस देश में रोजगार हत्या दिवस, किसान हत्या दिवस, महिला सुरक्षा हत्या दिवस मनाया जाए?
केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। हर साल 25 जून को देश उन लोगों के महान योगदान को याद करेगा, जिन्होंने 1975 के इमरजेंसी के अमानवीय दर्द को सहन किया था।
25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने को लेकर भारत सरकार की ओर से एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
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