नईदिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को पहला मेडल जिताने वाली मनु भाकर का नाम आज हर किसी के जुबान पर है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में मेडल से चूकने के बाद मनु ने इस बार ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा. वह भारत के लिए ओलंपिक इतिहास में मेडल जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बन गई हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि मनु सिर्फ निशानेबाजी ही नहीं बल्कि दूसरे खेलों में भी काफी अच्छी हैं. मार्शल आर्ट्स में तो वो चैंपियन रह चुकी हैं…
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु का जन्म 18 फरवरी, 2002 को हुआ था. बचपन से ही मनु भाकर को खेल में काफी दिलचस्पी थी. उन्होंने कई खेलों में हाथ आजमाए.
आपको बता दें, मनु ने निशानेबाजी से पहले टेनिस, स्केटिंग और यहां तक कि थांग टा मार्शल आर्ट्स में भी हाथ आजमाया जो भारत के मणिपुर में बहुत मशहूर है. इस खेल के प्रति दीवानगी बढ़ी और वह मार्शल आर्ट में नेशनल लेवल की एथलीट बनीं. लेकिन मनु को लगा कि इस गेम में चीटिंग होती है. उसने यह खेल भी छोडऩे का फैसला कर लिया.
बच्चे पैदा होते हैं, तभी माता-पिता उनके भविष्य को लेकर सपने देखते हैं. ऐसा ही कुछ मनु भाकर के साथ भी हुआ. उनकी मां डॉक्टर सुमेधा चाहती थीं कि बेटी बड़ी होकर डॉक्टर बने, तो वहीं उनके पिता रामकिशन मनु को बॉक्सर बनाना चाहते थे. मनु के बड़े भाई बॉक्सिंग करते थे और मनु भी बॉक्सिंग करने लगीं.
मनु बॉक्सिंग में भी काफी अच्छी थीं और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल भी जीते.एक दिन प्रैक्टिस करते हुए मनु के आंख पर चोट लग गई। इससे आंख सूज गई थी. चोट लगने के बाद मनु ने बॉक्सिंग छोडऩे का मन बना लिया. मनु ने बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट्स के अलावा आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग की प्रैक्टिस की, लेकिन उसका मन नहीं लगा और इसके बाद शूटिंग को चुना और अब उन्होंने ओलंपिक में मेडल जीकर पूरे देश का सीना चौड़ा कर दिया है.
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम करके इतिहास रच दिया है. मनु निशानेबाजी में भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज हैं. मनु का यह पदक, 12 साल बाद भारत का ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक है.
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