नई दिल्ली । कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार किसानों ने इस साल अभी तक 904.60 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 879.22 लाख हेक्टेयर था। मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार सालाना आधार पर बुआई करीब तीन प्रतिशत अधिक है। कमोडिटीवार धान, दलहन, तिलहन, बाजरा और गन्ने की बुवाई सालाना आधार पर अधिक रही है। दूसरी ओर कपास और जूट/मेस्ता की बुआई में गिरावट आई है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार सभी राज्यों में उड़द, अरहर और मसूर के लिए 100 प्रतिशत खरीद के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक किसान दलहन की खेती के लिए आगे आएं।
भारत दालों का एक बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है और यह आयात के माध्यम से अपनी खपत की जरूरतों के एक हिस्से को पूरा करता है। भारत में मुख्य रूप से चना, मसूर, उड़द, काबुली चना और अरहर दालों का सेवन होता है। किसानों को विभिन्न प्रोत्साहनों सहित कई उपायों के बावजूद, भारत अभी भी अपनी घरेलू आवश्यकताओं के लिए दालों के आयात पर निर्भर है। 2023-24 में दालों का आयात लगभग दोगुना हो गया है।
भारत में तीन फसल मौसम हैं – ग्रीष्मकालीन, खरीफ और रबी। अक्टूबर और नवंबर के दौरान बोई जाने वाली फसलें और परिपक्वता के आधार पर जनवरी से काटी जाने वाली उपज रबी हैं। जून-जुलाई के दौरान बोई जाने वाली फसलें और मानसून पर निर्भर बारिश अक्टूबर-नवंबर खरीफ में काटी जाती है। रबी और खरीफ के बीच उत्पादित फसलें ग्रीष्मकालीन फसलें हैं।
भारत में कुल वर्षा का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान होता है। इस प्रकार, मानसून वर्षा की समय पर और उचित घटना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुखता रखती है, क्योंकि भारत की लगभग 45 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर करती है जो वर्षा पर निर्भर करती है।
खाद्य उत्पादों में नमक, चीनी की जानकारी देने के एफएसएसएआई के फैसले का स्वागत
स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर नमक, चीनी, वसा के बारे में मोटे अक्षरों में जानकारी देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए एफएसएसएआई का स्वागत किया।
एसजेएम ने कहा कि इससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और अन्य बीमारियों में काफी कमी आएगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने हाल में पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर पोषण संबंधी जानकारी देने के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है। इसमें खाद्य उत्पादों के पैकेट पर नमक, चीनी और संतृप्त वसा की मात्रा की बड़े और मोटे अक्षरों में जानकारी देने की बात कही गई है।
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा कि लोगों में पैकेट वाले खाद्य पदार्थों, खासकर अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद की हानिकारक सामग्री के बारे में जागरूकता की कमी है। ऐसे में लोग अनजाने में ही इन हानिकारक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।
श्रीलंका: सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी पवन ऊर्जा परियोजना मामले में सुनवाई की तारीख तय की
श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मन्नार के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भारतीय के अदाणी समूह की ओर ली गई पवन ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ दायर पांच मौलिक अधिकार याचिकाओं की सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की।
शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने यहां प्रतिवादियों को 13 सितंबर से पहले आपत्तियां दाखिल करने का आदेश दिया। पर्यावरण गैर सरकारी संगठनों ने यह दावा करते हुए याचिका दायर की थी कि परियोजना जैव विविधता को खतरे में डालती है और प्रवासी पक्षियों के लिए खतरा पैदा करती है। वाइल्डलाइफ एंड नेचर प्रोटेक्शन सोसाइटी ने यह मामला दायर किया, जिसमें सरकार, निवेश बोर्ड और केंद्रीय पर्यावरण प्राधिकरण को उत्तरदाताओं के रूप में नामित किया गया है।
एआई के जरिये आईपीओ को तेजी से मिलेगी मंजूरी
सेबी आईपीओ प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए?आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करेगा।?सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा, राइट्स और प्रेफरेंशियल इश्यू सहित आईपीओ प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। इससे मंजूरी की समयसीमा 42 दिन से घटकर 23 दिन रह जाएगी। सेबी एक टेंपलेट आईपीओ डॉक्यूमेंट पर भी काम कर रहा है। इससे आईपीओ का मसौदा आसान होगा।
विदेशी मुद्रा भंडार 3.47 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 जुलाई?को समाप्त सप्ताह में 3.47 अरब डॉलर घटकर 667.38 अरब डॉलर रह गया। आरबीआई के मुताबिक, विदेशी मुद्रा संपत्ति 1.17 अरब डॉलर घटकर 586.87 अरब डॉलर रह गई। देश का स्वर्ण भंडार भी 2.29 अरब डॉलर कम होकर 57.7 अरब डॉलर रहा।
00