जयपुर। जुलाई माह का चीनी का कोटा कम आने तथा रक्षाबंधन एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की डिमांड निकलने से स्थानीय थोक बाजारों में बीते सप्ताह चीनी में 200 रुपए प्रति क्विंटल (2 रुपए प्रति किलो) की तेजी आ गई। सूरजपोल मंडी में जीएसटी पेड चीनी के भाव शुक्रवार को 4100 से 4325 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूती लिए हुए थे। कारोबारी रामकिशोर अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों कावड़ यात्रा के कारण चीनी की लोडिंग बंद होने से भी कीमतों में तेजी का रुख बना है। उन्होंने कहा कि सरकार चीनी का अतिरिक्त कोटा छोड़ती है तो बाजार घट सकता है, अन्यथा और बढ़ोतरी हो सकती है। गौरतलब है कि त्योहारी सीजन के बावजूद सरकार द्वारा अगस्त माह के लिए खुली बिक्री हेतु 22 लाख टन चीनी का कोटा आबंटित किया गया है, जो गत माह की तुलना में 2 लाख टन कम है। कोटा कम आने के साथ ही पिछले दिनों ट्रक भाड़ों में भी बढ़ोतरी हो गई थी। चालू सीजन के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 320 लाख टन के लगभग होने की संभावना व्यक्त की गई है। जबकि इसकी खपत 270 लाख टन की उम्मीद है। इस बीच चीनी उद्योग सरकार से चीनी का समर्थन मूल्य 3100 से बढ़ाकर 4200 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग काफी समय से करता आ रहा है।
ध्यान रहे सरकार ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक चीनी के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की है। अलबत्ता गन्ने की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। खरीफ सीजन के दौरान देश में गन्ने की बिजाई का रकबा 57.11 लाख से बढ़कर 57.68 लाख हैक्टेयर हो गया है। बिजाई का रकबा बढऩे के बावजूद उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में अनुकूल मौसम नहीं होने से गन्ने का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। सरकार नए सीजन में चीनी के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। चीनी का नया सीजन शुरू होने में अभी एक माह का समय शेष है। चीनी की कीमतें ऐसे ही बढ़ती रहीं तो सरकार आने वाले दिनों में सप्लीमेंट्री कोटा छोड़कर चीनी की महंगाई पर काबू करने का प्रयास कर सकती है।
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