Home » मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर घांसीमुंडा राजस्व ग्राम घोषित, 2008 से ग्रामीण कर रहे थे मांग, उत्साहित ग्रामीणों ने कैम्प कार्यालय पहुंच कर जताया आभार

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर घांसीमुंडा राजस्व ग्राम घोषित, 2008 से ग्रामीण कर रहे थे मांग, उत्साहित ग्रामीणों ने कैम्प कार्यालय पहुंच कर जताया आभार

by Bhupendra Sahu

जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर राज्य सरकार ने घासीमुंडा गांव को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया है। अपनी 16 साल पुरानी मांग पूरी होने से घांसीमुंडा गांव के रहवासी प्रसन्न है। ग्रामीणों ने सीएम कैम्प कार्यालय पहुंच कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया। क्षेत्र की बीडीसी सरिता पैंकरा ने बताया कि घांसीमुंडा गांव को राजस्व ग्राम बनाने के लिए स्थानीय रहवासी लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। इसके लिए ग्रामीण एकजुट हो कर सांसद रहने के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री साय ने इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे थे।

मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होनें घासीमुंडा के रहवासियों से किये गए वायदे को निभाते हुए,राजस्व ग्राम घोषित कर दिया है। पूर्व सरपंच विशेष्वरसाय ने बताया कि घांसीमुंडा को राजस्व ग्राम घोषित कर दिये जाने से इस गांव के 2778 ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। गांव में पटवारी कार्यालय शुरू हो जाने लोगों को छोटे छोटे काम के लिए दौड़ लगाने से छुटकारा मिल जाएगा।

गांव के वृद्व बैजनाथ साय ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की पहल से उनकी बरसों पुरानी मांग पूरी हुई है। इसका लाभ गांव के सभी लोगों को मिलेगा।घांसीमुंडा को राजस्व ग्राम घोषित करने के बाद जिले में राजस्व गांवों की संख्या बढ़ कर 770 हो गई। भू अभिलेख शाखा द्वारा अंतिम प्रकाशन आदेश के अनुसार राजस्व ग्रामों की संख्या फरसाबहार ब्लाक में 101 और जिले में 770 हो गई है। राजस्व ग्राम घोषित इस गांव की जनसंख्या 2718,खसरा नम्बर की संख्या 943 और क्षेत्रफल 1066 हेक्टेयर है।

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